बेसिक शिक्षा सचिव तय करेंगे बेसिक शिक्षकों के सत्र लाभ का मसला : हाईकोर्ट ने दर्जनों याचिकाओं पर निस्तारण का दिया आदेश
इलाहाबाद। प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों को सत्र लाभ देने का मसला अब बेसिक शिक्षा सचिव तय करेंगे। हाईकोर्ट ने ऐसी दर्जनों याचिकाओं पर निर्णय सुनाते हुए बेसिक शिक्षा सचिव को निर्देश दिया है कि वह मसले पर 30 जून से पहले निर्णय लें ताकि जुलाई में स्कूल खुलने तक यह तय हो सके कि शिक्षकों को सत्र लाभ दिया जाएगा अथवा नहीं।
प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापिका श्रुतिलेश कुमारी सहित करीब दो दर्जन अध्यापकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सत्र लाभ देने की मांग की थी। याचीगण 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। उनका कहना था कि चूंकि इस बार बेसिक और माध्यमिक स्कूलों का सत्र बदलकर एक अप्रैल से 31 मार्च कर दिया गया है इसलिए इन शिक्षकों का रिटायरमेंट 30 जून बीच सत्र में पड़ रहा है लिहाजा वह सत्र लाभ पाने के हकदार हैं। इससे पूर्व की स्थिति में जिन लोगों का रिटायरमेंट एक जुलाई से 30 जून के बीच होता था, उनको एक साथ 30 जून को ही रिटायर किया जाता था। याचीगण का कहना था कि सरकार ने माध्यमिक स्कूलों के अध्यापकों को सत्र लाभ देने का निर्णय लिया है जबकि नौ दिसंबर 2014 को शासनादेश जारी कर बेसिक अध्यापकों को सत्र लाभ नहीं देने का निर्णय लिया है।
दूसरी ओर से बेसिक शिक्षा विभाग के अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह यादव का कहना है कि सत्र लाभ शिक्षण सत्र बीच में रिटायर होने वाले अध्यापकों को देने का नियम है। इस बार सत्र परिवर्तन में एक अप्रैल से 30 जून के बीच कोई शिक्षण कार्य नहीं होना है। इस दौरान सिर्फ दाखिले और कक्षा उन्नयन का कार्य होना है। शिक्षण कार्य जुलाई से प्रारंभ होगा इसलिए छात्रों के शिक्षण में कोई बाधा नहीं पहुंचेगी लिहाजा 30 जून को रिटायर होने वाले शिक्षकोें को सत्र लाभ नहीं देने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल हाईकोर्ट ने सचिव को इस मामले में 30 जून से पहले निर्णय लेने का आदेश देते हुए याचिकाएं निस्तारित कर दी हैं।
खबर साभार : अमरउजाला
बेसिक शिक्षकों को सत्र लाभ पर निर्णय लेने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा सत्र के मध्य सेवानिवृत्त होने वाले बेसिक स्कूलों के अध्यापकों को सत्र लाभ देने के मामले में सचिव बेसिक शिक्षा को 30 जून से पहले निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याचिका में सत्र लाभ देते हुए 31 मार्च 16 तक कार्य करने देने की मांग की गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने श्रुतिलेश कुमारी सहित दो दर्जन अध्यापकों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। श्रुतिलेश कुमारी फतेहपुर जिले में प्राइमरी विद्यालय में हेड मास्टर हैं। याची की ओर से अधिवक्ता घनश्याम मौर्या ने बहस की कि माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों को सत्र लाभ दिया गया है जबकि बेसिक स्कूलों के अध्यापकों को सत्र लाभ नहीं दिया जा रहा है। नौ दिसंबर, 14 को शासनादेश जारी कर राज्य सरकार ने सत्र लाभ न देने का फैसला लिया है जिसे चुनौती दी गई है |
खबर साभार : दैनिकजागरण
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