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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

मानक नहीं पूरे, कैसे दें संस्कृत स्कूलों को अनुदान : 246 अशासकीय मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों को अनुदान सूची पर लेने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में किया था

मानक नहीं पूरे, कैसे दें संस्कृत स्कूलों को अनुदान : 246 अशासकीय मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों को अनुदान सूची पर लेने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में किया था

लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने भले ही शर्तों में छूट देकर 246 संस्कृत स्कूलों को अनुदान पर लेने का निर्णय किया हो पर स्थिति यह है कि मात्र 109 स्कूल ही ऐसे हैं जो मानक पूरे करते हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट को शासन ने मा. शिक्षा मंत्री महबूब अली के पास भेज दी है। इसमें कहा गया है कि 71 स्कूल ऐसे हैं जो मानक को पूरा नहीं करते हैं, लेकिन कुछ प्रतिबंधों के साथ इन्हें अनुदान सूची पर लिया जा सकता है। अन्य विद्यालय शासनादेश की शर्तों को भी पूरा नहीं करते, जिन्हें अनुदान सूची पर नहीं लिया जा सकता है।

फरवरी 2007 में तत्कालीन मुलायम सरकार ने 246 अशासकीय मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों को अनुदान सूची पर लेने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में किया था। 2007 में अनुदान पर संस्कृत स्कूलों को लेने की प्रक्रिया पूरी होती, इससे पहले मायावती की सरकार आ गई। इसके बाद मामला अटक गया। प्रदेश में अखिलेश सरकार आते ही स्कूल संचालकों ने फरवरी 2007 में कैबिनेट निर्णय के आधार पर स्कूलों को अनुदान सूची पर लेने की मांग की। अखिलेश सरकार ने संस्कृत स्कूलों को अनुदान सूची पर लेने का निर्णय जनवरी 2014 में किया और 7 फरवरी 2014 को शासनादेश जारी कर दिया गया।

अखिलेश सरकार ने पूर्व में रखी गई शर्तों में भी छूट देते हुए छात्र संख्या की अनिवार्यता 100 के स्थान पर 50 कर दी। संस्कृत स्कूलों को अनुदान सूची पर लेने के लिए परीक्षण और संस्तुति करने के लिए राज्य स्तरीय समिति बनाई गई। समिति ने कुल 246 स्कूलों के प्रस्तावों का परीक्षण किया। इसमें से 109 स्कूलों को शासनादेश के अनुरूप पाया गया।71 स्कूलों में थोड़ी कमियां मिलीं। समिति ने इन्हें प्रतिबंधों में छूट देने की शर्त के साथ अनुदान सूची पर लेने की सिफारिश की है।

अनुदान के लिए जोड़तोड़-

राज्य समिति ने संस्कृत स्कूलों को अनुदान पर लेने की स्पष्ट संस्तुति करते हुए भले ही शासन को रिपोर्ट भेज दी हो, पर स्थिति यह है कि स्कूल प्रबंधन आज भी इस जोड़तोड़ में लगे हैं कि किसी तरह उनके स्कूलों को अनुदान पर ले लिया जाए। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने पूरी रिपोर्ट विभागीय मंत्री को भेज दी है, अब उन्हें इस पर अंतिम निर्णय करना है कि कितने स्कूलों को अनुदान सूची पर लेना है।

       खबर साभार : अमरउजाला

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