बीटीसी 2013 अभ्यर्थियों के जिलों के विकल्प से हुई राहत : रिक्त सीटों के सापेक्ष अभ्यर्थी अन्य जिलों में दले सकते हैं दाखिला
इलाहाबाद : बीटीसी 2013 में चार चरणों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद 1350 सीटें खाली हैं। सीटें खाली रहने के पीछे दस जिलों की बाध्यता एक बड़ी समस्या रही। अब ऐसे अभ्यर्थियों को जिलों के विकल्प से राहत मिलेगी। अब रिक्त सीटों के सापेक्ष अभ्यर्थी अन्य जिलों में बीटीसी-2013 के तहत दाखिला ले सकते हैं। इस संबंध में सचिव परीक्षा नियामक की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। कोशिश है कि 16 या 17 जून को विज्ञापन जारी कर दिया जाए।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने खाली सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एनआइसी को सभी जरूरी दस्तावेज भेज दिए गए हैं। एनआइसी से हरी झंडी मिलते ही शीघ्र ही विज्ञापन भी जारी किया जाएगा। सर्वाधिक रिक्तियां सामान्य महिला एवं पुरुष वर्ग के सीटों पर चिह्न्ति हुई हैं।
ध्यान रहे, दाखिले को लेकर सर्वाधिक पेच अल्पसंख्यक बीटीसी कॉलेजों में फंसा है। अल्पसंख्यक कालेज शतप्रतिशत सीटों पर खुद दावा ठोक रहे हैं जबकि 50 फीसद सीट ही मैनेजमेंट कोटा के तहत आवंटित है। ऐसे में कुछ अल्पसंख्यक कॉलेजों ने हाई कोर्ट की शरण लेकर शतप्रतिशत सीटों पर अपनी दावेदारी सुनिश्चित कर ली है। बीटीसी-2013 में 21 अल्पसंख्यक कॉलेज दाखिले के लिए अधिकृत हैं। ऐसे में इन कॉलेजों ने खुद के स्तर पर पहले और दूसरे चरण की काउंसिलिंग में शत प्रतिशत सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर ली।
2013 सत्र में सर्वाधिक अल्पसंख्यक कॉलेज मेरठ और बागपत के हैं। अब खाली सीटों पर उन आवेदकों को दाखिले में वरीयता देने के निर्देश दिए गए हैं जिनका नाम 10 जिलों की मेरिट में आने के बावजूद सीटें खाली नहीं होने की वजह से दाखिला नहीं मिल पाया था।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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