छह महीनें से बीटीसी-2011 के 15,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया न बढ़ने से 40 हजार अभ्यर्थी परेशान : बेसिक शिक्षा के सचिव एच एल गुप्ता ने स्पष्ट किया कि जुलाई में शिक्षकों की काउंसलिंग कराकर होगी नियुक्ति
इलाहाबाद। छह महीनें से बीटीसी-2011 के 15,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के न बढ़ने से 40 हजार से अधिक अभ्यर्थीपरेशान होकर आये दिन शासन और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे लेकिन शासन में बेसिक शिक्षा के सचिव एच एल गुप्ता ने स्पष्ट कर दिया कि जुलाईमें शिक्षकों की काउंसलिंग कराकर नियुक्ति दे दी जायेगी।इससे प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों को 15 हजार शिक्षक/शिक्षिकाएं मिल जायेगे तो शिक्षण के स्तर में व्यापक स्तर पर सुधार होगा।
इन बीटीसी अभ्यर्थियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि उनके पहले शिक्षामित्रों का प्रदेश सरकार समायोजन कर रही है जो टीईटी तक पास नही है जबकि केन्द्र सरकार ने बिना टीईटी किये शिक्षक बनने पर सख्ती से रोक लगा दिया है।बेसिक शिक्षा परिषद ने बीटीसी-2011 के टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए 15,000 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन दिसम्बर- 2014 में जारी किया था।अभ्यर्थियों से आनलाइन फार्म भरवाने के बाद संशोधन हुआ है।अभी तक काउंसलिंग की तिथि घोषित न किये जाने से अभ्यर्थियों में आक्रोश था।वह बड़ी संख्या में आये दिन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद और शासन में धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करते रहते थे।
बीटीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष योगेश पाण्डेय का कहना है कि वह लोग बीटीसी प्रशिक्षण करने के बाद टीईटी पास कर लिया है लेकिन उनकी तैनाती पहले नहीं की जा रही है बल्कि संविदा कर्मी शिक्षामित्रों को पहले परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक बनाया जा रहा है जो न तो टीईटी पास है न ही शिक्षक बनने की योग्यता रखते है। प्रदेश की सपा सरकार सिर्फ वोट बैंक की रणनीति के तहत इन शिक्षामित्रों का समायोजन कर रही है।शिक्षामित्रों के शिक्षक बनने से प्रदेश में शिक्षा का स्तर और गिरेगा जिसका दंश आने वाली पीढ़ियों को झेलना पड़ेगा।
खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा
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