प्राथमिक विद्यालयों में 2004-05 में नियुक्त होने वाले शिक्षकों पर सरकार ने नहीं लिया कोई निर्णय : सूबे में 35 हजार शिक्षकों की पेंशन पर असमंजस
इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक के रूप में 2004-05 में चयनित करीब 35 हजार शिक्षकों की पेंशन पर अनिर्णय की स्थिति के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इन शिक्षकों के पेंशन पर कोई फैसला नहीं होने से उन्हें नई पेंशन नीति से जोड़ने के बारे में फैसला नहीं हो सका है। 2004-05 में नियुक्त शिक्षकों के बारे में कोर्ट ने भी सरकार को निर्णय लेने को कहा है। सरकार की ओर से अनिर्णय की स्थिति के कारण शिक्षक परेशान हैं।
प्रदेश सरकार ने बीएड बेरोजगारों को प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त करने के लिए 2004 में लगभग 40 हजार प्राथमिक शिक्षकों के पद घोषित किए थे, इसमें से लगभग 35 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई थी। इन शिक्षकों की चयन प्रक्रिया 2004 में शुरू होकर 2005 पांच में पूरी हुई थी। सरकार की ओर से 2005 से नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को पेंशन नहीं देने के फैसले के बाद इन शिक्षकों ने भर्ती 2004 की होने का दावा करके सरकार से पुरानी पेंशन नीति से जोड़ने की मांग की। अपनी मांग को लेकर विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी, इस पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्णय लेने को कहा था।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि सरकार की ओर से जब नई जून से नई पेंशन नीति लागू करने की बात की जा रही है तो आखिर में 2004-05 में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों का क्या होगा। उन्होंने सरकार से इस मामले में तत्काल निर्णय लेने की मांग की है। उनका कहना है कि इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन की सुविधा न मिल पाने के कारण जून माह से लागू होने वाली नई पेंशन योजना शामिल करने अथवा बाहर रखने को लेकर असमंजस बना है।
खबर साभार : अमरउजाला
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