प्रदेश के 17 लाख से ज्यादा राज्य कर्मियों को बढ़ा 6% डीए जुलाई से : जून के वेतन से होगा कर्मियों को नकद भुगतान
√जनवरी से मई तक की राशि जीपीएफ में जमा होगी
√जून के वेतन से होगा कर्मियों को नकद भुगतान
√पेंशनरों को महंगाई राहत का आदेश आज
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लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के 17 लाख से ज्यादा कर्मचारियों व शिक्षकों को बीते जनवरी महीने से 113 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। जनवरी से मई तक का डीए भविष्य निधि खाते (जीपीएफ) में जमा होगा। जून से डीए का नकद भुगतान होगा। जून के बढ़े हुए डीए का भुगतान एक जुलाई को मिलने वाले वेतन के साथ किया जाएगा। इस आशय का आदेश सोमवार को जारी कर दिया गया।
प्रदेश के शिक्षकों व कर्मचारियों को मूल वेतन का 107 फीसदी डीए मिल रहा है। केंद्र सरकार ने जनवरी से इसमें छह प्रतिशत वृद्धि का फैसला किया था। सचिव वित्त अजय अग्रवाल ने सोमवार को बढ़ा हुआ डीए जनवरी से देने संबंधी आदेश जारी कर दिया।
वित्त विभाग पेंशनरों के महंगाई राहत में वृद्धि से जुड़ा आदेश भी जारी करने की कार्यवाही कर रहा है। मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने जनवरी से इसमें छह प्रतिशत वृद्धि का फैसला किया था। सचिव वित्त अजय अग्रवाल ने सोमवार को बढ़ा हुआ डीए जनवरी से देने संबंधी आदेश जारी कर दिया। राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्यप्रभारित कर्मचारियों व यूजीसी वेतनमान में कार्यरत कर्मियों को एक जनवरी से मूल वेतन का 113 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। इसके अलावा जिन कर्मियों ने छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार पुनरीक्षित वेतन ढांचे में चयन नहीं किया है, अथवा जिनके वेतनमान एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित नहीं हुए हैं। सरकार ने इनके महंगाई भत्ते में 11 प्रतिशत की वृद्धि की है।
महंगाई भत्ता से 1500 करोड़ का बढ़ा भार
लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों के डीए में वृद्धि से राज्य सरकार पर 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। इसके अलावा पेंशनरों को महंगाई राहत देने पर 555 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस तरह डीए व महंगाई राहत में नई वृद्धि से सरकारी खजाने पर करीब 2055 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा।
कर्मचारियों व शिक्षकों में खुशी
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के नेता वीपी मिश्र, सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र व सचिव ओंकार नाथ तिवारी आदि ने डीए के आदेश का स्वागत किया है। इन नेताओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व प्रमुख सचिव वित्त राहुल भटनागर के प्रति आभार जताया है। कर्मचारी नेताओं ने मांग की है कि प्रदेश सरकार को भी केंद्र की घोषणा के तत्काल बाद डीए के भुगतान की कार्यवाही शुरू कर देनी चाहिए थी। केंद्र की घोषणा के बाद महीनों तक इसे लटकाना गैरवाजिब है।
खबर साभार : अमरउजाला
खुशखबरी : राज्य कर्मियों व शिक्षकों का डीए बढ़ा
जनवरी से 113 फीसद की दर से डीए देने का शासनादेश जारी
जीपीएफ खाते में जाएगा 31 मई तक दिया जाने वाला एरियर
लखनऊ : राज्य सरकार ने 16.5 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों के अलावा पेंशनरों को छह फीसद की बढ़ी हुई दर से महंगाई भत्ते (डीए) का भुगतान करने का फैसला किया है। कर्मचारियों को पहली जनवरी से मूल वेतन और पेंशनरों को पेंशन पर अनुमन्य महंगाई राहत के 113 फीसद की दर से डीए का भुगतान किया जाएगा। 31 मई तक दी जाने वाली बढ़े डीए की धनराशि कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते (जीपीएफ) में जमा होगी जबकि पहली जून से दिये जाने वाले डीए का पहली जुलाई को भुगतान होगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद वित्त विभाग ने सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया।
इस फैसले का फायदा राज्य सरकार, सहायताप्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के सभी नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों को मिलेगा। शासनादेश के मुताबिक पहली जनवरी से 31 मई तक बढ़ी दर दिये जाने वाले डीए की जो धनराशि जीपीएफ में जाएगी उसे पहली जून से जीपीएफ में जमा माना जाएगा। उस पर पहली जून से भविष्य निधि पर लागू दर से ब्याज दिया जाएगा। भविष्य निधि खाते में जमा की गई धनराशि 30 जून 2016 तक संबंधित कर्मचारी के खाते में जमा रहेगी और इसे उस तारीख से पहले निकाला नहीं जा सकेगा। ऐसे अधिकारी या कर्मचारी जिनका जीपीएफ खाता नहीं खुला है, उन्हें बढ़ी दर से डीए की अवशेष धनराशि राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) के रूप में दी जाएगी। कर्मचारियों को पहली जनवरी 2015 से 31 मार्च 2016 तक बढ़ी दर से डीए का भुगतान करने पर खजाने पर 1543 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। 990 करोड़ रुपये का व्ययभार कर्मचारियों को बढ़ी दर से डीए भुगतान करने पर आएगा जबकि एरियर का 550 करोड़ रुपये जीपीएफ में जाएगा।
"नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को डीए एरियर के 10 प्रतिशत के बराबर राशि कर्मचारी के टियर-1 पेंशन खाते में जमा की जाएगी। राज्य सरकार या नियोक्ता इसके बराबर अंशदान टियर-1 खाते में जमा करेगा। एरियर की बची 90 प्रतिशत राशि कर्मचारियों को एनएससी के रूप में दी जाएगी। जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की सेवाएं इस शासनादेश के जारी होने की तारीख से पहले खत्म हो गई हों या जो पहली जुलाई से लेकर शासनादेश जारी होने की तारीख तक सेवानिवृत्त हुए या छह महीने के अंदर रिटायर होने वाले हों, उनको डीए के बकाये की धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा। जिन कर्मचारियों का छठे वेतनमान के तहत पुनरीक्षण नहीं हुआ, उन्हें पहली जनवरी से वेतन व महंगाई वेतन के योग के 223 प्रतिशत की दर से डीए दिया जाएगा।"
खबर साभार : दैनिकजागरण
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