पांच-पांच हजार अभ्यर्थियों का पूल बनाकर होगी बीएड की काउंसिलिंग : 16704 अभ्यर्थियों को बीएड में एलॉट हुई सींटें;8 जुलाई तक काउंसलिंग पूरी कर ली जाए
लखनऊ। बीएड में सीटें खाली रहने से राज्य सरकार ने बीएड प्रवेश परीक्षा आयोजित करा रहे विश्वविद्यालयों को सीटें भरने के लिए नई व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया है। जिसके तहत सभी राज्य स्तर विवि को अभ्यर्थियों का पूल बनाकर काउंसिलिंग करानी होगी, ताकि जो अभ्यर्थी एडमिशन लेना चाहते हैं वे इस स्पेशल काउंसिलिंग में शामिल होकर कॉलेज एलॉट करा लें। उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार ने सभी राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों जिनके यहां पर काउंसिलिंग सेंटर बनाए गए हैं, उन सभी विश्वविद्यालयों को पांच-पांच हजार अभ्यर्थियों का पूल बनाकर उनकी काउंसिलिंग करानी होगी। इसके तहत सभी विवि को पहले 5000 छात्रों की काउंसिलिंग करानी होगी। साथ ही सभी अभ्यर्थियों को अपने और एफिलिएटेड कॉलेजों की रिक्त सीटों का ब्यौरा देते हुए उनकी काउंसिलिंग होगी, ताकि जो कैंडीडेट्स मेन काउंसिलिंग में मनपसंद कॉलेज न मिलने से सीटे एलॉट कराने से रह गए थे, उनकों मौका मिल सके।
इसके बाद भी सीट खाली रहती है तो अगले पांच हजार अभ्यर्थियों के पूल की काउंसिलिंग करानी होगी। आम तौर पर बीएड काउंसिलिंग के लिए 25 दिन की समय सीमा तय होती है, जबकि इस साल काउंसिलिंग प्रक्रिया सिर्फ 18 दिन में ही पूरी कर ली गई। जिसके चलते राज्य स्तरीय विवि और 12 सौ संबंद्धित कॉलेजों की सीटें खाली रह गई हैं। जबकि राज्य सरकार का निर्देश है कि हर हाल में 8 जुलाई तक काउंसलिंग पूरी कर ली जाए। एक लाख 17 हजार 437 सीटें हैं खालीपांच जून को बीएड की मेन काउंसिलिंग शुरू हुई थी, इनमें सूबे के लगभग एक लाख 81 हजार 370 सीटों के लिए काउंसिलिंग होनी थी। कई चरणों की काउंसिलिंग होने के बाद भी सभी विवि व कॉलेजों की कुल सीटों की तुलना में मात्र 53 हजार 933 सीटों पर ही छात्रों ने दाखिला लिया। जिसके चलते एक लाख 17 हजार 437 सीटें अभी भी खाली पड़ी हैं। मामले ने तूल पकड़ी और उच्च न्यायार्ल में गया तो कोर्ट ने प्रदेश सरकार को दोबारा से स्पेशल काउंसिलिंग कराने के लिए कहा है।
"बचे हुए अभ्यर्थियों का डाटा बनाकर उनकी स्पेशल काउंसिलिंग कराई जाएगी। इस सिलसिले में राज्य सरकार ने पहले ही निर्देष जारी कर दिए हैं।"
~प्रो. वाईके शर्मा, बीएड एडमिशन कोऑडिनेटर
खबर साभार : दैनिकजागरण/डीएनए
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