सीटीईटी की वैधता अब 5 की जगह 7 साल : एक अभ्यर्थी जितनी बार चाहे नम्बर बढ़ाने के लिए दे सकता टीईटी
लखनऊ। केन्द्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के प्रमाणपत्र की वैधता इस वर्ष से सात साल कर दी गई है। लिहाजा, अब राज्य में भी इसकी वैधता बढ़ाने की मांग होने लगी है। कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने के लिए टीईटी पास करने की अनिवार्यता है। अभी तक यूपी समेत सभी राज्यों और केन्द्र की सीटीईटी परीक्षा में भी प्रमाणपत्र की वैधता पांच वर्ष ही थी। यानी यदि अभ्यर्थी 2010 में टीईटी पास कर चुका है तो इस प्रमाणपत्र के आधार पर वह 2015 तक आवेदन कर सकता है लेकिन अब केन्द्र ने इसकी वैधता बढ़ा कर सात वर्ष तक कर दी है। हालांकि, केन्द्र ने यह स्पष्ट किया है कि एक अभ्यर्थी जितनी बार चाहे टीईटी दे सकता है। वहीं अपने नंबर बढ़ाने के लिए एक से ज्यादा बार परीक्षा देना चाहे तो इसकी भी अनुमति है।
2011 से यूपी में शुरू हुआ टीईटी-
शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू होने के बाद यूपी में टीईटी 2011 में पहली बार हुआ। उस प्रमाणपत्र के आधार पर 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती चल रही है।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
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