सूबे के परिषदीय स्कूलों में नहीं आयोजित होगा तिथि भोजन : सरकार को नहीं भाया स्मृति ईरानी का सुझाव-
लखनऊ : गुजरात की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में तिथि भोजन आयोजित करने का केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी का सुझाव अखिलेश सरकार के गले नहीं उतरा है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के इस सुझाव को नहीं लागू करने का फैसला किया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर गुजरात की तर्ज पर उप्र के परिषदीय स्कूलों में मध्याह्न् भोजन योजना के साथ तिथि भोजन शुरू करने का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया था कि गुजरात में किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा स्कूलों में खास मौकों पर बच्चों के लिए तिथि भोजन का आयोजन किया जाता है। जन्मदिन, विवाह, वर्षगांठ, त्योहार, परीक्षाफल की घोषणा आदि मौकों पर कोई व्यक्ति या संस्था किसी स्कूल या स्कूलों के समूह में तिथि भोजन का आयोजन करती है।
तिथि भोजन के तहत स्कूली बच्चों को मिठाई, केक, पेस्ट्री, नमकीन, अंकुरित चना/दाल आदि के रूप में विशेष भोजन सुलभ कराया जाता है। आयोजक व्यक्ति या संस्था की ओर से स्कूलों को उनके उपयोग के लिए बर्तन, डिनर सेट, गिलास आदि भी दान में दिये जाते हैं। इससे सामाजिक सद्भाव बढ़ता है, बच्चों के बीच बराबरी और भाईचारे की भावना भी पुष्ट होती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस पत्र को बेसिक शिक्षा विभाग को भेजा था। इस मुद्दे को लेकर हाल ही में सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों की बैठक हुई थी। बैठक में यह तय हुआ कि तिथि भोजन की अवधारणा के तहत बाहरी व्यक्तियों और संस्थाओं की ओर से मुहैया कराये गए भोजन की गुणवत्ता और इससे बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा नहीं सुनिश्चित की जा सकेगी। इस आधार पर बैठक में परिषदीय स्कूलों में तिथि भोजन का आयोजन नहीं करने का फैसला किया गया। शासन ने निदेशक मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण को पत्र लिखकर अपने इस फैसले की जानकारी भी दे दी है।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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