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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

कक्षा 8 तक के शहरी क्षेत्र के बेघर बच्चों के लिए आवासीय स्कूल : हर जिले में खोला जाएगा एक स्कूल, 50 बच्चों के रहने की होगी व्यवस्था-

कक्षा 8 तक के शहरी क्षेत्र के बेघर बच्चों के लिए आवासीय स्कूल : हर जिले में खोला जाएगा एक स्कूल, 50 बच्चों के रहने की होगी व्यवस्था-

1-हर जिले में खोला जाएगा एक स्कूल, 50 बच्चों के रहने की होगी व्यवस्था

2-कक्षा 8 तक की शिक्षा देने की व्यवस्था होगी

3-बच्चों को मुफ्त ट्रांसपोर्ट की सुविधा

4-मुफ्त ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध के एवज में प्रति बच्चा सालाना 3000 रुपये दिया जाएगा।

लखनऊ (ब्यूरो)। शहरी क्षेत्र के बेघर बच्चों के लिए आवासीय स्कूल खोले जाएंगे। इनमें कक्षा 8 तक की शिक्षा देने की व्यवस्था होगी। प्रत्येक स्कूल में 50-50 बच्चों के रहने, खाने और पढ़ने की व्यवस्था होगी। एक शहर में ऐसे सिर्फ एक स्कूल खुलेंगे। ये विद्यालय ऐसे स्कूलों में चलेंगे, जहां अधिक कमरे होंगे। सर्व शिक्षा अभियान के लिए केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में इसका प्रावधान किया जा रहा है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 8 तक के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य है। शहरी क्षेत्रों में काफी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जिनका घर नहीं है। ये बच्चे स्कूल जाने के बजाय काम करते हैं या घूमते रहते हैं। राज्य सरकार चाहती है कि ऐसे बच्चों के लिए आवासीय स्कूल की व्यवस्था की जाए। इसके लिए बड़े परिषदीय स्कूलों के अतिरिक्त कक्षा-कक्ष को हॉस्टल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। पेयजल, शौचालय, विद्युतीकरण, फर्नीचर व बेडिंग की भी व्यवस्था होगी। आवासीय स्कूलों के लिए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से विद्यालयों के नाम मांगे हैं। किस बस्ती में विद्यालय है और इसके आसपास कितनी दूरी पर परिषदीय स्कूल है। नगरीय क्षेत्रों का इसमें स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। यह भी स्पष्ट करना होगा कि संबंधित प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्कूल में कितने कमरे हैं।

प्रति बच्चा मिलेगा 3000 रुपये -

मुफ्त ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध के एवज में प्रति बच्चा सालाना 3000 रुपये दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इसके आधार पर छात्र-छात्राओं की संख्या उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय से इसके लिए राशि मांगी जाएगी। इसके बाद बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।

मुफ्त ट्रांसपोर्ट की सुविधा-

बच्चों के मुफ्त ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी रहेगी। राज्य परियोजना निदेशालय ने जिलों से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा है। इसमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले उन बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिनके स्कूल काफी दूर है। एक जिले में कितने बच्चों को यह सुविधा उपलब्ध करानी है इसका ब्यौरा उपलब्ध कराना होगा।

      खबर साभार : अमरउजाला

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