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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

4 लाख तक की आय टैक्स फ्री! : सरकार धारा 80-सी के तहत आय में कटैती की व्यवस्था खत्म करने पर भी कर रही विचार-

4 लाख तक की आय टैक्स फ्री! : सरकार धारा 80-सी के तहत आय में कटैती की व्यवस्था खत्म करने पर भी कर रही विचार-

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2014-15 के लिए आम बजट में इनकम टैक्स से संबंधित नियमों को सरल बनाने के उपाय किए जा सकते हैं। सरकार धारा 80सी के तहत आय में कटौती की व्यवस्था खत्म करने और 4 लाख रुपए तक की टैक्सेबल आय करमुक्त करने पर विचार कर रही है।

वित्त मंत्रालय एक खास योजना पर विचार कर रहा है, जिसके तहत जीवन बीमा और भविष्य निधि (पीएफ) जैसे निवेश के खास साधनों में पैसा लगाने पर इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट की व्यवस्था खत्म करके बेसिक टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है।

यदि यह प्रस्ताव आम बजट में शामिल किया जाता है, तो खास तरह के निवेश करने पर धारा 80सी के तहत व्यक्तिगत टैक्सेबल इनकम में से 1.5 लाख रुपए कटौती की व्यवस्था खत्म की जा सकती है। इसकी जगह बुनियादी छूट की सीमा में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की जाएगी। कुल मिलाकर 4 लाख रुपए तक की टैक्सेबल आय करमुक्त हो सकती है। फिलहाल यह सीमा 2.5 लाख रुपए है।

मौजूदा व्यवस्था जटिल-

मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'मौजूदा इनकम टैक्स कानून बहुत जटिल है। मसलन, कुछ वास्तविक लाभों को लागू करने के साधन के तौर पर टैक्स नीति इस्तेमाल करना और उन तमाम राहतों का दायरा बढ़ाना, जिससे करदाताओं को फायदा होता है। ये फायदे दो तरीके से दिए जा सकते हैं, इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट के लिए टैक्सेबल आय की सीमा बढ़ाकर या फिर टैक्स पॉलिसी को जहां तक संभव हो सके सरल बनाकर।'

पूरा नहीं हुआ मकसद-

वित्त मंत्रालय का मानना है कि धारा 80सी का मकसद घरेलू बचत बढ़ाना है, लेकिन मौजूदा मॉडल के जरिए यह लक्ष्य सही तरीके से हासिल नहीं हो पाया। असल में इनकम टैक्स विभाग के लिए यह पता करना व्यवहारिक रूप से मुश्किल है कि जो लोग आयकर में छूट चाहते हैं उन्होंने वाकई निवेश किया है या नहीं। वैसे करदाताओं के मामले में यह काम ज्यादा मुश्किल है, जो स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के दायरे में नहीं आते।

नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष- 2013-14 में घरेलू वित्तीय बचत 12.8 लाख करोड़ रुपए रही। यह 20.65 लाख करोड़ रुपए की सकल घरेलू बचत का 35 प्रतिशत है। हाल के वर्षों में पाया गया है कि घरेलू बचत में कमी आ रही है।

कराधान के नजरिए से अच्छा प्रस्ताव-

डेलॉइट के मुताबिक, 'टैक्स लगाने के नजरिए से यह बढ़िया प्रस्ताव है। लेकिन, धारा 80सी के तहत दी जाने वाली छूट के कारण घरेलू बचत को बढ़ावा मिलता है। इस खास फायदे के बगैर नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट जैसे निवेश के कुछ साधन ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो पाए।' फिर भी वित्त मंत्रालय का मानना है कि मौजूदा व्यवस्था के तहत कुछ लोग जरूरी निवेश न करने के बावजूद धारा 80सी का फायदा उठा रहे हैं। इस लिहाज से इसमें बड़े बदलाव की जरूरत है।

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