logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

बीएड, एमएड, बीपीएड दो साल की : एनसीटीई के निर्देश को सीसीएसयू ने किया जारी-

बीएड, एमएड, बीपीएड दो साल की : एनसीटीई के निर्देश को सीसीएसयू ने किया जारी-

१-सत्र 2015-16 से होगा लागू कॉलेजों को निर्देश दिए

२-बीएड की यूनिट भी घटी, कॉलेजों में आधी हुईं सीटे

मेरठ। नए सत्र से बीएड, एमएड और बीपीएड की डिग्री एक साल की जगह दो साल की होगी। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) ने जिन आठ विषयों को लेकर निर्देश जारी किए थे, सीसीएसयू ने वह कॉलेजों को सर्कुलेट कर दिए हैं। यही नहीं डिग्री कोर्स की यूनिट पर भी असर पड़ा है। बीएड की यूनिट अब 100 से घटाकर 50 कर दी गई है। एनसीटीई आठ विषयों में बदलाव को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है।
सीसीएसयू ने सभी बीएड और एमएड कॉलेजों को सर्कुलर जारी किया है। सत्र 2015-16 से बीएड, एमएड और बीपीएड एक साल की जगह दो साल की होगी। बीए बीएड और बीएससी बीएड चार साल का नया कोर्स शुरू किया गया है। हालांकि विवि के दो कॉलेज भगवती कॉलेज और एनसीपीई में बीए बीएड पहले से चल रहा है। तीन साल का इंटीग्रेटेड प्रोग्राम बीएड एमएड भी शुरू किया गया है। बीए बीएड प्रोग्राम में व्यवस्था की गई है कि अगर छात्र एक साल पहले कोर्स छोड़ता है तो उसे बीए की डिग्री दी जाएगी। पहले ऐसा नहीं था। उधर, कोर्स की अवधि का असर यूनिट पर पड़ा है। पहले बीएड की एक यूनिट में 100 सीट होती थी, अब सीट घटाकर 50 कर दी गई हैं। एमएड की यूनिट 35 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है। बीपीएड में भी यूनिट 50 सीट की रहेगी। एमपीएड पहले से दो साल की है।

तो छात्र घटेंगे, फैकल्टी बढ़ेगी-

बीएड और एमएड का हाल खराब है। सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की सीट भरने का नाम नहीं ले रही। कोर्स की अवधि बढ़ने से कॉलेजों को सीट खाली रहने का डर सता रहा है। अवधि बढ़ने से कॉलेजों को फैकल्टी बढ़ानी पड़ेगी। सीसीएसयू के क्षेत्राधिकार में करीब 300 कॉलेजों में बीएड होती है |

      खबर साभार : अमरउजाला

    

Post a Comment

0 Comments