सफल होगी गरीब बच्चों को स्कूल पहुंचाने की मुहिम : केन्द्र सरकार ने ऐसे बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति का किया वादा-
• सफल होगी गरीब बच्चों को स्कूल पहुंचाने की मुहिम|
गरीब बच्चों को निजी स्कूल के मुहाने तक पहुंचाने की मुहिम नए सत्र से रंग ला सकती है। केन्द्र सरकार ने ऐसे बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति का वादा किया है। केन्द्र ने कहा है कि वह राज्य के कुल बजट का 20 फीसदी इस मद में दे सकती है। अभी तक निजी स्कूलों की फीस देना पूरी तरह राज्य की जिम्मेदारी थी।
आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों को कक्षा एक की 25 फीसदी सीटों पर गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश देना है। इन बच्चों की फीस का जिम्मा राज्य सरकार का है। राज्य सरकार ने इसके लिए 400 रुपए प्रतिमाह की व्यवस्था की है लेकिन ये सिर्फ आदेश बन कर रह गया। 2013-14 में 69 और चालू शैक्षिक सत्र में 25 बच्चे ही निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। कारण यह है कि राज्य सरकार ने न तो प्रचार-प्रसार किया और न ही बच्चों के प्रवेश के लिए कोई रणनीति तैयार की।
ये आदेश पिछले शैक्षिक सत्र में मार्च, 2014 में केन्द्र ने जारी किया था लेकिन यूपी को इसकी जानकारी ही नहीं हुई। लिहाजा, यूपी इससे वंचित रहा और 25 बच्चे भी निजी स्कूलों तक नहीं पहुंच पाए।विशेष अभियान से संख्या बढ़ाने की कोशिश : राज्य ने भी नए सत्र में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को निजी स्कूल में प्रवेश दिलाने की ठानी है। इसके लिए शहरों में विशेष अभियान चलाया जाएगा और ऐसे इलाकों को चिह्न्ति किया जाएगा जहां मानकों के मुताबिक स्कूल नहीं है।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
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