बच्चों की सुरक्षा को स्कूलों में बनेंगे संरक्षण समूह : गृह विभाग ने दिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश-
१-गृह विभाग ने दिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश
२-शैक्षिक संस्थानों के लिए गाइडलाइन बनाई जाए
यह होंगे विद्यालय संरक्षण समूह के काम-
• विद्यालय क्षेत्र व उसके आसपास सुरक्षित यातायात को सुनिश्चित करना।
• विद्यालय व उसके आसपास मादक पदार्थों की बिक्री व उसकी उपलब्धता के संबंध में सूचना जुटाना और तंबाकू उत्पाद, पान मसाला व मदिरा आदि के संबंध में सूचना प्रसारित करना।
• ऐसे संदिग्धों पर नजर रखना जो बच्चों के साथ घुल-मिल कर उन्हें अनैतिक गतिविधियों में लगाकर उनका शोषण करते हैं।
लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा व उन्हें अपराधियों के शोषण से बचाने के लिए नई योजना बन रही है। गृह विभाग ने जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से इस पर गंभीरता से कार्रवाई करने को कहा है। इस योजना की खास बात यह होगी कि सभी विद्यालयों में एक विद्यालय संरक्षण समूह बनाया जाएगा।
गृह सचिव कमल सक्सेना ने अपने निर्देश में कहा है कि स्कूल जाने वाले बच्चों का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न रोकने के उद्देश्य से शैक्षिक संस्थानों के लिए गाइडलाइन बनाई जाए। इस स्थिति से बचने के लिए बच्चों में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। इसमें विद्यालयों की अहम भूमिका होगी।
उन्होंने कहा है कि जिले के पुलिस कप्तान सभी विद्यालयों में ‘विद्यालय संरक्षण समूह’ बनाने का प्रयास करें। ऐसा बगैर किसी दबाव के हो, बल्कि कोशिश यह हो कि यह एक संगठनात्मक प्रयास हो। इस समूह की अध्यक्षता उस संस्था के प्रमुख या अभिभावक-अध्यापक संघ के अध्यक्ष द्वारा की जाएगी। समूह का सचिव थानाध्यक्ष व संयुक्त सचिव थानाध्यक्ष द्वारा नामित पुलिस अधिकारी हो सकता है। सदस्य के रूप में सभासद, वार्ड काउंसलर, विद्यालय के छात्र नेता, दो इच्छुक अभिभावक, दो इच्छुक अध्यापक, एक स्थानीय संभ्रांत व्यापारी, एक ऑटोचालक, जागरण समिति का एक प्रतिनिधि और उस क्षेत्र के संभ्रांत निवासी हो सकते हैं।
गृह सचिव ने कहा है कि एडीजी (महिला सेल) को इस योजना का नोडल अफसर नामित किया जाए। वह स्थानीय शैक्षिक संस्थाओं व शिक्षा विभाग से समन्वय बनाते हुए इस समूह के उपायों को लागू करेंगे।
खबर साभार : अमरउजाला
बच्चों की सुरक्षा को बनेंगे ‘विद्यालय संरक्षण समूह’ : शैक्षिक संस्थाओं व शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर समूहों के प्रयास को करें कार्यान्वित-
१-पुलिस कप्तानों को समूह बनवाने की जिम्मेदारी संस्था अथवा अभिभावक अध्यापक संघ का अध्यक्ष होगा
२-समूह प्रमुख एसओ होगा सचिव, एसओ द्वारा नामित पुलिस अधिकारी बनेगा संयुक्त सचिव
लखनऊ (एसएनबी)। पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले के बाद स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सजग हुए सूबे के गृह विभाग ने प्रत्येक स्कूल में ‘विद्यालय संरक्षण समूह’ बनाये जाने का निर्णय लिया है। समूह की जिम्मेदारी होगी कि वह स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के साथ उनको शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न से बचाने के लिए काम करे। जिलों के पुलिस कप्तानों को समूहों की स्थापना कराये जाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। स्थानीय थाने के एसओ समूह के सचिव होंगे और उनके द्वारा नामित पुलिस अधिकारी को संयुक्त सचिव बनाया जाएगा। संस्था अथवा अभिभावक-अध्यापक संघ के अध्यक्ष समूह की अध्यक्षता करेंगे।
गृह सचिव कमल सक्सेना की ओर से जारी शासनादेश में समूह की जिम्मेदारियों का निर्धारण भी किया गया है। शासनादेश के मुताबिक समूह का कर्तव्य होगा कि वह विद्यालय क्षेत्र और आस-पास की यातायात व्यवस्था को सुनिश्चित करने की कवायद करेगा। स्कूल के आस-पास मादक पदार्थो की बिक्री, उसकी उपलब्धता के संबंध में सूचनाएं एकत्र करने के साथ ही तम्बाकू उत्पादों तथा अल्कोहल आदि के संबंध में सूचनाएं प्रसारित करेगा। समूह उन बच्चों के बारे में भी सूचना एकत्र करेगा, जो स्कूल के समय में कक्षा से दूर रहते हैं अथवा कक्षा में जाने से कतराते हैं।
इसके साथ ही बच्चों के साथ घुल-मिलकर उन्हें अनैतिक गतिविधियों में लगाकर उनका शोषण करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने का काम भी समूह करेगा। एडीजी महिला सेल को इस प्रयोग का नोडल अधिकारी बनाया जाएगा, जो स्थानीय निकायों, शैक्षिक संस्थाओं व शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर समूहों के प्रयास को कार्यान्वित करेंगे।
खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा
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