जिला लोक शिक्षा समिति से हो प्रेरकों का भुगतान : नौ सूत्री मांगों पर विचार कर समाधान करने की मांग-
लखनऊ (एसएनबी)। प्रदेश में संचालित साक्षर भारत योजना के तहत कार्यरत शिक्षा प्रेरकों के मानदेय का भुगतान जिला लोक शिक्षा समिति द्वारा कराया जाए क्योंकि ब्लाक स्तर के अधिकारियों का बार-बार तबादला होने के कारण मानदेय के भुगतान में विलम्ब होता है। यह बात मंगलवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सतेन्द्र यादव ने कही।
मुख्यमंत्री से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के 66 जनपदों की 50,563 ग्राम पंचायतों में लगभग एक लाख पांच हजार प्रेरक कार्य कर रहे हैं तथा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 32 महीनों से प्रेरकों को मानदेय नहीं मिला है, जबकि सितम्बर माह में निदेशक द्वारा सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को प्रेरकों का मानदेय उनके निजी खातों में ब्लाक लोक शिक्षा समिति द्वारा भुगतान करने का आदेश दिया गया था। इसके बावजूद अभी तक प्रदेश में दो-दो माह की ही धनराशि भेजी गयी है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रेरकों को बीटीसी व अनुदेशक भर्ती प्रक्रिया में 20 फीसद का आरक्षण प्रदान किया जाए तथा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम सी बीटीसी प्रशिक्षण दिलाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाए। इसके अतिरिक्त प्रदेश में रिक्त पड़े पदों को अतिशीघ्र भरा जाए, जिससे साक्षरता अभियान को पूर्णत: गति प्रदान की जा सके। प्रेरकों को प्रतिमाह मिलने वाले कार्यालय व्यय के रूप में 1200 रपए दिए जाने का प्राविधान किया गया है, इसे दिलाया जाए तथा प्रेरकों को सीएल, ईएल व महिला प्रेरकों को प्रसूति अवकाश की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रेरकों को प्रतिमाह मिलने वाला मानदेय मात्र दो हजार रपए है, जो इस महंगाई के दौर में बहुत ही कम है, जबकि मनरेगा के मजदूरों को प्रतिदिन की मजदूरी 156 रपए दी जाती है तथा प्रेरकों को मात्र 66 रपए प्रतिदिन ही मिल रहे हैं। इस धनराशि को बढ़कार 12 हजार रपए किया जाए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रेरक कई अन्य समस्याओं से भी ग्रसित हैं अत: उनकी नौ सूत्री मांगों का अध्ययन कर समस्याओं का निस्तारण किया जाए। नौ सूत्री मांगों पर विचार कर समाधान करने की मांग |
खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा
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