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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

डिप्लोमा इन एजुकेशन( डीएड )वाले बन सकेंगे प्राइमरी शिक्षक : यूपी सरकार की विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज-

डिप्लोमा इन एजुकेशन( डीएड )वाले बन सकेंगे प्राइमरी शिक्षक : यूपी सरकार की विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज-

1-सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की राज्य सरकार की याचिका

2-2010 में दस हजार शिक्षकों की निकाली गई थी भर्ती

3-हाईकोर्ट ने आदेश में कहा था कि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के दिशा-निर्देश पर होनी चाहिए |

नई दिल्ली( ब्यूरो)। डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) विशेष शिक्षा करने वाले भी प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए पात्र होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार की विशेष याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही वर्ष 2010 में प्राइमरी स्कूलों में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती में आवेदन करने वाले डीएड वालों की सहायक अध्यापक बनने की दावेदारी मजबूत हो गई है।

बेसिक शिक्षा विभाग ने पांच साल पहले प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगा था। इसमें डीएड वालों ने भी आवेदन किया था, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने इन्हें अपात्र मान लिया था।

विभाग का कहना था कि शिक्षक भर्ती के लिए स्नातक के साथ बीटीसी होना अनिवार्य है और डीएड वाले इसके लिए पात्र नहीं हैं। तब डीएड धारी हाईकोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने डीएड वालों के पक्ष में फैसला दिया था। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ विशेष याचिका दाखिल की थी।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी है। दूसरे पक्ष को नोटिस जारी करने करने से पहले ही शीर्ष अदालत ने मामले को निपटारा कर दिया। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा था कि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के दिशा-निर्देश पर होनी चाहिए।

अभ्यर्थियों के वकील अवनीश सिंह का कहा कि शिक्षकों ने मान्यता प्राप्त संस्थान से डीएड कर रखा है और इससे रिहेबलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (आरसीआई) से मंजूरी मिली है। अगस्त 2010 में एनसीटीई ने पहली से पांचवीं तक के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए यह शर्त निर्धारित की थी। इतना ही नहीं इन शिक्षकों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) भी पास हैं।

      खबर साभार : अमरउजाला

यूपी के प्राइमरी शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत-

नई दिल्ली (वार्ता)। उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के कम से कम 10 हजार शिक्षकों को राहत पहुंचाते हुए उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार की वह अपील ठुकरा दी जिसमें उसने कम शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति को चुनौती दी थी। राज्य सरकार का दावा था कि उन शिक्षकों के पास पद के अनुरूप योग्यता नहीं है। इन शिक्षकों के पास योग्यता के नाम पर विशेष शिक्षा में डिप्लोमा था लेकिन राज्य सरकार का कहना था कि यह योग्यता शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यता के अनुरूप नहीं है। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी थी और नियुक्ति को जायज ठहराया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि इन शिक्षकों की नियुक्तियों में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण परिषद (एनसीटीआई) के दिशानिर्देशों का पालन किया गया था। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। ये शिक्षक पांचवीं क्लास तक के विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे।

     खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा

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