पाठय़ पुस्तकों में नहीं दी जा रही जेंडर समानता की सीख : शिक्षा विभाग से पाठय़पुस्तक में संशोधन की मांग-
1-कक्षा छह से आठ तक की पुस्तकों पर जेंडर समानता को लेकर अध्ययन किया गया
2- शिक्षा विभाग से पाठय़पुस्तक में संशोधन की मांग
लखनऊ (एसएनबी)। स्कूलों में पढ़ायी जाने वाली पुस्तकों में जेंडर समानता की सीख नहीं दी जा रही है। इन किताबों में स्त्री का जो वर्णन किया गया है वह उसके संवैधानिक अधिकारों को भी नकारने वाला है। जेंडर विभेद को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग से पाठय़पुस्तक में संशोधन करने की मांग की गयी है। महिलाओं के अधिकारों पर काम करने वाली संस्था सांझी दुनिया द्वारा कक्षा छह से आठ तक की पुस्तकों पर जेंडर समानता को लेकर अध्ययन किया गया। अध्ययन में पाया गया कि जहां वर्तमान परिवेश में स्त्री व पुरु ष को एक समान अधिकार देने की बात कही जा रही है।
वहीं दूसरी ओर स्कूलों में पढ़ायी जाने वाली पुस्तकों में आज भी स्त्री को केवल घर की चाहरदीवारी में ही कैद करके दिखाया जा रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षा आठ में पढ़ायी जाने वाली पुस्तक मंजरी में कहा गया है कि आदर्श परिवार वही है जहां पति कमाये और पत्नी घर संभाले। लम्बे समय से चली आ रहे इन पाठय़क्रमों को वर्तमान परिवेश के सदृश बनाये जाने की आवश्यकता है। यही नहीं यह विचार हमारे संवैधानिक मूल्यों की भी विपरीत है। इसी तरह कक्षा छह में पढ़ायी एक पुस्तक में पारम्परिक विचारों को ही पुख्ता करते हुए कहा गया है कि लड़कों से ही वंश चलता है लड़कियों से नहीं। अध्ययन में पाया गया कि इन पाठय़पुस्तकों में आमतौर पर स्त्री की अपने अधिकार छोड़ देना, घर सभांलना, अन्याय का प्रतिकार न करना जैसी तस्वीर प्रस्तुत की गयी है।
शासन को भेजी गयी अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि समाज में समानता लाने व महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न को कम करने के लिए बच्चों को छोटी उम्र से ही जेंडर समानता का पाठ पढ़ाया जाना जरूरी है। संस्था की सचिव प्रो. रूपरेखा वर्मा का कहना है कि लम्बे समय से पारम्परिक रुप से पढ़ाये जाने वाले इन पाठय़क्रमों में परिवर्तन कर इनमें वर्तमान के ज्वलंत विषयों को शामिल किया जाना जरूरी है। पाठय़पुस्तकों पर किये गये इस अध्ययन में तसनीम फातिमा, अंकिता मिश्रा व तजीन फातिमा मुख्य रुप से शामिल रही। एक्शन एड संस्था ने भी इसमें सहयोगी भूमिका निभायी। शिक्षा विभाग से पाठय़पुस्तक में संशोधन की मांग |
खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा
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