जिसने स्कूल चमकाया उसे हटाने की तैयारी : पहले से मॉडल बने स्कूलों का विभाग कर रहा चयन-
1-पहले से मॉडल बने स्कूलों का विभाग कर रहा चयन
2-दो स्कूलों में अंग्रेजी विषय वाले अध्यापक तैनात होंगे
महराजगंज। बेसिक शिक्षा विभाग अफसर अध्यापकों की मेहनत का श्रेय खुद लेने की तैयारी में है। पहले तो पूर्व में मॉडल बने विद्यालयों को फिर से मॉडल बनाने के लिए चयनित किया। अब मॉडल विद्यालयाें को ही अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई के लिए चयनित कर रहे हैं। वहीं मॉडल विद्यालयों पर तैनात मेहनतकश अध्यापकों को मॉडल विद्यालयों से हटाने की तैयारी की जा रही है।
अगले सत्र से जिले के दो परिषदीय विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की जानी है। जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां अध्यापकाें ने अपनी मेहनत केे बल पर विद्यालय को कान्वेंट की तरह बनाया है। यहां बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। बेहतर शैक्षणिक माहौल के कारण इन विद्यालयों को मॉडल के रूप में जाना जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रत्येक ब्लाक में कुछ विद्यालयों को मॉडल बनाने की सोची है। इसके तहत अफसरों ने खराब विद्यालयों को मॉडल बनाने की बजाय पहले से मॉडल बन चुके विद्यालयों को ही मॉडल बनाने के लिए चयनित कर लिया।
अब अगले सत्र से दो विद्यालयों में अंग्रेजी के माध्यम से पढ़ाई होनी है। इसके लिए अफसरों ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए मॉडल विद्यालयाें का ही चयन कर लिया। ताकि अफसरों को अधिक मेहनत नहीं करना पड़े और वह शासन को दिखा सकें कि उन्होंने मॉडल विद्यालय बनाकर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू करा दी है। घुघली ब्लाक के बरवा खुर्द व फरेंदा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय को बरातगाड़ा को अगले सत्र से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराने के लिए चयनित किया है।
सूत्राें के मुताबिक विभाग अब अंग्रेजी माध्यम वाले मॉडल विद्यालयाें से मेहनतशक अध्यापकों को हटाकर वहां अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने वाले अध्यापकों को तैनात करने की योजना बना रहा है। इससे विद्यालय को मॉडल बनाने वाले अध्यापकों में निराश का भाव पैदा हो रहा है। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी घुघली संतोष कुमार शुक्ला का कहना है कि बेहतर विद्यालयों को ही मॉडल बनाया जाएगा। जो विद्यालय अच्छे होंगे उन्हीं विद्यालयाें में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मॉडल विद्यालय से अध्यापक को हटाना जरूरी नहीं है लेकिन इस बारे में बीएसए ही निर्णय लेंगे।
मिट्टी में मिल जाएगी मेहनत-
परिषदीय विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराना अच्छी पहल है। लेकिन मॉडल विद्यालयों से अध्यापक को हटाया जाना उचित नहीं है। 2007 से विद्यालय में तैनात हूं। बिना किसी सरकारी सहायता के विद्यालय को मॉडल बनाई हॅूं। सुनने में आया है कि विभाग विद्यालय से हटाने की तैयारी रहा है। विद्यालय से हटायी गई तो सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी। हटाने की जगह दूसरे अध्यापकों को यहां तैनात करना चाहिए।
-विमलेश गुप्ता, प्रधानाध्यापक, बरवा खुर्द
हटाया गया तो आंदोलन होगा-
परिषदीय विद्यालय के सभी अध्यापक विद्यालय को मॉडल बनाने और अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के लिए पारंगत हैं। अध्यापकों की मेहनत को अपनी मेहनत में बदलकर श्रेय लेना गलत है। मॉडल विद्यालय से अध्यापक को हटाया गया तो इसका प्राथमिक शिक्षक संघ इसका विरोध करेगा। बीएसए को पहले उन विद्यालयों की ओर ध्यान देना चाहिए जो आज भी बंद चल रहे हैं।
-केशवमणि त्रिपाठी, जिलामंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ।
खबर साभार : अमरउजाला
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