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नियुक्ति और फर्जीवाड़ा साथ-साथ शुरू : टीईटी के सैकड़ों सर्टिफिकेट फर्जी;906 फर्जी तो 6051 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट शक के घेरे में-

नियुक्ति और फर्जीवाड़ा साथ-साथ शुरू :  टीईटी के सैकड़ों सर्टिफिकेट फर्जी;906 फर्जी तो 6051 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट शक के घेरे में-

१-906 फर्जी तो 6051 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट शक के घेरे में

२-टीईटी के सैकड़ों सर्टिफिकेट फर्जी

अलीगढ़ : शिक्षक बनने की दहलीज पर खड़े सैकड़ों अभ्यर्थियों के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। गहन जांच में इसका खुलासा हुआ है। 906 के फर्जी तो करीब छह हजार अभ्यर्थियों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं। नियुक्ति पत्र बांटे जाने से ठीक पहले इस गंभीर फर्जीवाडे़ का खुलासा हुआ है, जिसमें सूबे के 40 जिलों के अभ्यर्थी शामिल हैं। इस खुलासे के बाद जिलास्तर पर हुई काउंसलिंग शक के घेरे में आ गई है। सूबे में 72 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। भर्ती के लिए वर्ष 2011 में टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है।

जिला स्तर पर अभ्यर्थियों की तीन बार काउंसलिंग कराई जा चुकी है। काउंसलिंग में पात्र पाए गए अभ्यर्थियों का डाटा जिले से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ को भेज दिया गया था। लखनऊ में परिषद की जांच के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है |

इस संबंध में परिषद के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने संबंधित जिलों को फर्जीवाड़े के संबंध में पत्र भी जारी किया है। पत्र की मानें तो 32 जिले ऐसे हैं जिनके 906 अभ्यर्थियों के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी हैं क्योंकि वर्ष 2011 में टीईटी पास अभ्यार्थियों के राज्य स्तरीय डाटा में उनका कोई रिकार्ड नहीं है। रोल और कंट्रोल नंबर सहित दूसरी जानकारी भी मेल नहीं खा रही हैं। अलग-अलग काउंसलिंग में जिलों से लखनऊ भेजे गए 56105 अभ्यर्थियों में से 3711 और 3864 में से 2340 ऐसे अभ्यर्थी भी सामने आए हैं जिनका डाटा लखनऊ के डाटा से मेल नहीं खा रहा है। परिषद ने ऐसे अभ्यर्थियों के डाटा को त्रुटिपूर्ण और विसंगतिपूर्ण बताया है। साथ ही डाटा जिलों को वापस भेज दिया गया है। नियुक्तिपत्र बांटे जाने से चार दिन पहले हुए खुलासे जिलों में भी हड़कंप मच गया है। कहीं फर्जी सर्टिफिकेट वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र न मिल जाए, इस सवाल ने सर्दी में भी अधिकारियों के माथे पर पसीना ला दिया है। 

906 फर्जी सार्टिफिकेट में यह जिले हैं शामिल-

अलीगढ़, इलाहबाद में चार-चार, आगरा में तीन, आजमगढ़ 175, बलरामपुर 235, हरदोई 148, श्रावस्ती 144 बहराइच 13, बदायूं 13, एटा 4, गाजीपुर 63 के साथ ही सीतापुर, कौशांबी, सहारनपुर, प्रतापगढ़, लखीमपुर, कन्नौज। 

इन जिलोें का डाटा नहीं खा रहा मेल-

बरेली, बस्ती, बांदा, अंबेडकर नगर, गोंडा, कुशीनगर, ललितपुर, महाराजगंज, मुरादाबाद, पीलीभीत, रामपुर, शाहजहांपुर, संत रविदास नगर, संत कबीरनगर, उन्नाव, देवरिया आदि हैं। 

906 टीईटी सार्टिफिकेट तो साफ तौर पर फर्जी पाए गए हैं। लेकिन 6051 अभ्यर्थियों का डाटा ऐसा है तो हमारे डाटा से मेल नहीं खा रहा है। इसके लिए हमने संबंधित जिलों को डाटा भेज दिया है। जिससे वह एक बार और उसे अपने डाटा से जांच लें।
- सवेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ

कैसी काउंसलिंग ..?

फर्जीवाडे़ के खुलासे ने जिलों में हुई तीन-तीन काउंसलिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। काउंसलिंग के लिए हर जिले को वर्ष 2011 की टीईटी का डाटा दिया गया था। इसी के आधार पर काउंसलिंग की जानी थी। लेकिन इसके बाद भी सौ-दो सौ नहीं सैकड़ों फर्जी अभ्यार्थियों की काउंसलिंग हो गई और उनका डाटा लखनऊ तक पहुंच गया।

         खबर साभार : अमरउजाला

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