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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

72825 प्रशिक्षु शिक्षकों को 19 को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी : चौथी काउंसलिंग खत्म होने के बाद जिलों से ब्योरा तलब-

72825 प्रशिक्षु शिक्षकों को 19 को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी : चौथी काउंसलिंग खत्म होने के बाद जिलों से ब्योरा तलब-

1-चौथी काउंसलिंग खत्म होने के बाद जिलों से ब्योरा तलब

2-शिक्षामित्रों के कोटे की मिलाकर खाली हैं 19917 सीटें

लखनऊ (एसएनबी)। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 72828 प्रशिक्षु शिक्षकों को 19 जनवरी को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया तेज हो गयी है। चौथी काउंसलिंग पूरी होने के बाद जिलों से अभ्यर्थियों के शामिल होने व रिक्त सीटों का ब्योरा तलब किया गया है। पहले चरण में विभाग पहले ही 53 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों की सूची कर दी गयी है। इन्हें अन्य जिलों में अर्ह माना गया है।

अब जिलों में खाली 19917 बची सीटों के लिए काउंसलिंग करायी गयी है। इनमें 16318 सीटें टीईटी कर चुके बीएड वाले अभ्यर्थियों की है और 3603 सीटें शिक्षामित्र कोटे की खाली हैं।

प्रशिक्षु शिक्षकों की रिक्त सीटों पर नजर डाले तो चौथी काउंसलिंग से पहले जिलों में खाली सीटों की सबसे ज्यादा संख्या 1272 लखीमपुर-खीरी में थी। इसके साथ ही कुशीनगर में 978, सीतापुर में 994, महाराजगंज में 840, गोण्डा में 749, सिद्धार्थनगर में 693, बहराइच में 474, बलरामपुर में 469, गाजीपुर में 450, सोनभद्र में 445 सीटें खाली थी। इन सीटों की काउंसलिंग भी 14 को पूरी हो गयी। अब बचे पांच दिनों में विभाग को इनकी अर्हता को पूरा कराना है ताकि 19 जनवरी को सभी जिलों में एक साथ प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्तिपत्र दिये जा सकें।

उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षु शिक्षकों की यह भर्ती 2011 के विज्ञापन के आधार पर की जा रही है। इसमें तीन चक्र की काउंसलिंग होने के बाद 53 हजार को अर्ह पाया था। बाकी सीटें चौथी काउंसलिंग में बुलाये गये अर्ह अभ्यर्थियों से भरी जानी है। विभाग की इस नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर जहां आवेदन हलकान हैं,वही महकमे के अफसर भी हाथ बचाकर प्रक्रिया को पूरी कराने में लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट से टीईटी की भर्ती मेरिट तय होने के बाद चौथी काउंसलिंग में रिक्त सीटों पर अभ्यर्थियों का मिल पाना कठिन है। इसके साथ ही शिक्षामित्र कोटे की 3600 सीटों को भरने को लेकर भी उहापोह है। कई जिलों में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या ने दूसरे जिलों का भी रास्ता किया है। उन्हें मेरिट के चौथी काउंसलिंग में ऊपर होने का डर भी सता रहा था।

फिलहाल विभाग अब पूरी ताकत नियुक्तिपत्रों को जिले स्तर पर तैयार कराने व प्रक्रिया के अंतिम चरण को पूरा कराने के लिए शासन से मंजूरी को लेकर लगा है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक स्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है और हर शिकायत का निस्तारण भी तेजी से कराया जा रहा है। चौथी काउंसलिंग खत्म होने के बाद जिलों से ब्योरा तलब शिक्षामित्रों के कोटे की मिलाकर खाली हैं 19917 सीटें |

      खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा

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