मृतक आश्रितों को शिक्षक बनाने की जुगत : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मंजूरी लेने पर विचार शुरू-
"स्नातक व बीएड की अर्हता रखने वाले ऐसे मृतक आश्रित जो अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) भी उत्तीर्ण हों, उन्हें प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त कर विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिलाने पर सहमति बनी, लेकिन एनसीटीई की अनुमति जरूरी है |"
लखनऊ : प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन की तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में सेवाकाल के दौरान मृत अध्यापकों के आश्रितों को शिक्षक नियुक्त करने की राह तलाश रहा है। स्नातक व बीएड की अर्हता रखने वाले ऐसे मृतक आश्रित जो अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) भी उत्तीर्ण हों, उन्हें प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त कर विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिलाने पर सहमति बनी है, लेकिन इसके लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अनुमति जरूरी है। अपनी मंशा को अमली जामा पहनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग इस बारे में एनसीटीई से मंजूरी लेने पर विचार कर रहा है।
प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे मृतक आश्रित हैं जो बीएड डिग्रीधारक होने के साथ टीईटी उत्तीर्ण भी हैं, लेकिन बीटीसी न होने के कारण सरकार उन्हें शिक्षक नियुक्त नहीं कर पा रही है। वहीं एनसीटीई की अनुमति से प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की चयन प्रक्रिया जारी है। प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन के लिए एनसीटीई ने टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने की अनुमति दी है। लिहाजा बेसिक शिक्षा विभाग में इस बात पर रजामंदी बनी है कि इसी तर्ज पर बीएड की अर्हता के साथ टीईटी उत्तीर्ण मृतक आश्रितों को भी प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने के लिए एनसीटीई से अनुमति मांगी जाए। यदि एनसीटीई अनुमति दे देता है तो ऐसे मृतक आश्रितों को प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त कर उन्हें छह महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक बनाया जाएगा।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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