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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

यूपी में 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ : सुप्रीम कोर्ट ने छह हफ्ते के भीतर दिया नियुक्त करने का आदेश-

72000 शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ : सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को छह सप्ताह के अंदर भर्ती करने का आदेश दिया-

नई दिल्ली (एसएनबी)। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती मामले में उम्मीदवारों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने करीब 72 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ करते हुए यूपी सरकार को आदेश दिया कि छह सप्ताह के अंदर टीईटी में सामान्य श्रेणी में 70 फीसदी अंक हासिल करने और एस-एसटी, ओबीसी व अन्य श्रेणियों में 65 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती करने का आदेश जारी किया जाए। 

उ.प्र. में कक्षा एक से पांच के विद्यालयों में अस्सिटेंट टीचरों की भर्ती के लिए 2011 में आवेदन आमंत्रित किए गए थे। 72 हजार 825 टीचरों के स्थान रिक्त थे। उस समय टीईटी परीक्षा के हासिल किए गए अंकों के आधार पर भर्ती करने का फैसला किया गया, लेकिन साल 2012 में सरकार बदलने के साथ ही चयन के नियमों को भी बदल दिया गया। सरकार ने 2012 में क्वालिटी मार्क्‍स के तहत ही भर्ती करने का फैसला किया जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में टीईटी क्वालाईफाई कर चुके उम्मीदवारों ने चुनौती दी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उम्मीदवारों को राहत देते हुए टीईटी में मेरिट के आधार पर भर्ती करने का रास्ता साफ किया जिसे उ.प्र. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उम्मीदवारों की तरफ से दावा किया गया कि करीब तीन लाख टीईटी पास कर चुके छात्र नियुक्तियों के लिए बैठे हुए हैं।


 सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जारी रखते हुए उ.प्र. सरकार को छह सप्ताह के भीतर चयन करने का निर्देश जारी किया। कोर्ट ने शिक्षा के अधिकार का हवाला देते हुए कहा कि 25 अगस्त तक सरकार भर्ती को लेकर जो भी कदम उठाए उसकी जानकारी भी अदालत में देनी होगी। साथ ही कहा है कि अगर सरकार ने कदम नहीं उठाए तो परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

     खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा

यूपी में 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ : सुप्रीम कोर्ट ने छह हफ्ते के भीतर दिया नियुक्त करने का आदेश-

१-मेरिट का आधार होगा टीईटी

२- सुप्रीम कोर्ट ने छह हफ्ते के भीतर दिया नियुक्त करने का आदेश

३-सामान्य वर्ग के लिए 70 फिसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 65 फिसदी अंक हासिल करने वाले होंगे नियुक्त

४-मायावती सरकार में 76 हजार शिक्षकों की भर्ती का हुआ था निर्णय

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में करीब 72 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में प्राप्त अंकों के आधार पर मेधा सूची तैयार की जाए और शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कहा कि टीईटी में 70 फीसदी अंक हासिल करने वाले सामान्य वर्ग के और 65 फीसदी अंक हासिल करने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त किया जाए। पीठ ने राज्य सरकार से ऐसे सभी छात्रों को छह हफ्ते के भीतर नियुक्त करने को कहा। अदालत ने कहा कि राज्य में करीब तीन लाख शिक्षकों के पद खाली हैं, लिहाजा शिक्षकों की नियुक्ति जरूरी है। विवाद इस बात को लेकर चल रहा था कि शिक्षकों की भर्ती सिर्फ टीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर हो या फिर टीईटी और अकादमी योग्यता (क्वालिटी मार्क्स) के आधार पर हो। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार की राय जाननी चाही थी। बुधवार को सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने बताया टीईटी के अंकों के आधार पर मेधा सूची तैयार की जा सकती है। अदालत ने सॉलिसिटर जनरल ने पूछा कि टीईटी के अंकों को कितना वेटेज मिल सकता है। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 100 फीसदी तक। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि नियम खेल के बीच में नहीं बदले जा सकते। मालूम हो कि मायावती सरकार ने करीब 76 हजार शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया था। सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर नियुक्ति का आधार टीईटी रखा। टीईटी में सफल उम्मीदवारों को काउंसलिंग भी शुरू हो गई थी। इसके बाद सत्ता में आई सपा सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर इस नियम में बदलाव करने का निर्णय लिया गया। नए नियम के तहत टीईटी और क्वालिटी मार्क्स, दोनों को नियुक्ति का आधार बनाया गया। छात्रों ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने छात्रों के हक में फैसला देते हुए मायावती सरकार की अधिसूचना को सही ठहराया, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी।

       > shikshak bharti, supreem court

            खबरसाभार : अमरउजाला

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