सूबे के 48 जिलों में 15 से ज्यादा आयु के 83 लाख निरक्षर
लखनऊ (एसएनबी)। सूबे में साक्षरता की स्थिति जानने के लिए 48 जिलों में अब तक हुए डोर-टू-डोर सव्रे में 15 साल से ज्यादा आयु वर्ग के 83.34 लाख निरक्षरों की पहचान की गयी है। इसका खुलासा मंगलवार को मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में राज्य साक्षरता मिशन की हुई बैठक में रखे गये आंकड़ों से हुआ। इस स्थिति पर मुख्य सचिव ने मिशन से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे निरक्षरों को साक्षर बनाने के अभियान को तेज करें। इसके साथ ही उन्होंने शेष रह गये 27 जिलों में भी डोर-टू-डोर जाकर साक्षरता की पड़ताल का कार्य जल्द ही पूरा करने को कहा, ताकि वंचितों को साक्षरता अभियान से जोड़ा जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि कम महिला साक्षरता वाले जिलों श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, बदायूं, रामपुर, गोण्डा, एवं सिद्धार्थनगर में साक्षर भारत अभियान चलाया जाय। उन्होंने मिशन से जुड़े अफसरों को राज्य के 20 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम बहुल आबादी वाले 18 जिलों में मुस्लिम असाक्षरों को साक्षर करने के लिए ‘तालीम-ए-बालिंगा’ योजना के तहत उर्दू प्रवेशिकाओं का मुदण्रकराकर जल्द वितरण कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में 9.55 लाख मुस्लिम प्रतिभागियों को साक्षर बनाने का लक्ष्य पूरा किया जाए। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा तथा सचिव बेसिक शिक्षा व मिशन के अन्य अधिकारियों से मुख्य सचिव ने फरवरी में संभावित साक्षर परीक्षा में 40 लाख प्रतिभागियों को शामिल कराने को कहा है। उन्होंने साक्षरता के प्रति लोगों में जागरूकता लाने को रोडवेज बसों समेत अन्य स्थानों पर प्रचार सामग्री, पोस्टर, स्लोगन आदि का प्रयोग करने को कहा है। राज्य साक्षरता मिशन की बैठक में रखे गये आंकड़ों से हुआ यह खुलासा निरक्षरों को साक्षर बनाने के अभियान को तेज करें : मुख्य सचिव
खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा/अमरउजाला
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