पब्लिक स्कूलों को टक्कर देंगे प्राइमरी स्कूल :
नई शिक्षा नीति में कक्षा आठ तक छात्रवृत्ति समाप्त करने का प्रावधान-
१-बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा- मॉडल स्कूलों के बाद अब आदर्श विद्यालय की कवायद
२-नई शिक्षा नीति में कक्षा आठ तक छात्रवृत्ति समाप्त करने का प्रावधान
लखनऊ। सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में दावा किया कि प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार हो रहा है। वह दिन दूर नहीं जब पब्लिक स्कूलों के बच्चे सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने आएंगे। मॉडल स्कूलों के साथ ही उन स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने पर विचार किया जा रहा है, जहां प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय एक ही परिसर में हैं।
प्रश्न प्रहर में भाजपा की विमला सोलंकी व धर्मपाल सिंह के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने में अब सफलता मिल रही है और लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की जा रही है।
राजनीतिक दखल रुके तो बदल दें सूरत-
अनुपूरक सवालों के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि सदन और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का सहयोग मिले तो प्राथमिक स्कूलों को पब्लिक स्कूलों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दें। हर स्कूल में शिक्षक नियुक्त हो जाएं। अभी शिक्षक जुगाड़ भिड़ाकर शहर के पास अपनी नियुक्ति करा लेते हैं। सुदूर गांवों में कोई जाना नहीं चाहता।
नई शिक्षा नीति में कक्षा आठ तक छात्रवृत्ति समाप्त करने का प्रावधान-
बसपा के इंद्रजीत सरोज के अनुपूरक सवाल के जवाब में चौधरी ने बताया कि कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को मुफ्त शिक्षा, कॉपी-किताब, ड्रेस व भोजन दिया जाता है। नई शिक्षा नीति में इन कक्षाओं के छात्रों की छात्रवृत्ति खत्म करने का प्रावधान है, इसलिए छात्रवृत्ति बंद की गई है।
जहां तक अंग्रेजी में शिक्षा का सवाल है तो सभी प्राइमरी स्कलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। मॉडल स्कूलों में वही शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे जो हर विषय अंग्रेजी में पढ़ाने में माहिर होंगे।
खबर साभार : अमरउजाला
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