आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को एक और जिम्मेदारी : अतिकुपोषित बच्चों को पुनर्वास केंद्र ले जाएंगी कार्यकर्त्रियां-
लखनऊ (ब्यूरो)। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को सरकार ने एक और जिम्मेदारी दे दी है। अब कार्यकर्त्रियां अपने क्षेत्र में चिन्हित किए गए अतिकुपोषित बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में भी ले जाएंगी। इन बच्चों का इलाज स्वास्थ्य विभाग के इन्हीं पुनर्वास केंद्रों में किया जाएगा।
यूं तो प्रदेश सरकार ने अतिकुपोषित बच्चों के चिन्हीकरण का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए डीएम व सीडीओ को लगाया गया है। लेकिन इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को उनके द्वारा पूर्व में चिन्हित अतिकुपोषित बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में भेजने की जिम्मेदारी दी गई है। सरकार ने 52 जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों से यह काम प्राथमिकता से कराएं।
हंगामा संस्था की सर्वेक्षण रिपोर्ट को देखा जाए तो यूपी में 25 फीसदी बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं जबकि 58 फीसदी बच्चे कम कुपोषित हैं। यह सर्वेक्षण 14 जिलों में 38227 बच्चों पर किया गया था। रिपोर्ट में यह भी सामने आया था कि ये बच्चे न केवल वजन में कम हैं बल्कि उनकी लंबाई भी उम्र के हिसाब से काफी कम है। इनमें गांव केबच्चों की तादाद काफी अधिक है।
कुपोषण की इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए सरकार ने सूबे में राज्य पोषण मिशन भी गठित कर दिया है। इसी की अगली कड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को और जिम्मेदारी दी जा रही है। दरअसल, सरकार यह मानती है कि कार्यकर्त्रियां का सीधा संपर्क बच्चों व उनके परिवार से होता है। ऐसे में अतिकुपोषित बच्चों को पुनर्वास केंद्र में कार्यकर्त्रियां ही ले जा सकती हैं। इससे कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आएगी।
•पोषण पुनर्वास केंद्रों में होगा इन बच्चों का इलाज
अतिकुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग के पुनर्वास केंद्रों में भेजने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को दी गई है। 52 जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दे दिए गए हैं। पहले चरण में उन बच्चों को पुनर्वास केंद्र ले जाने के लिए कहा गया है जिन्हें कार्यकर्त्रियों ने खुद चिन्हित किया है। सभी जिलों में पोषण पुनर्वास केंद्रों की सूची भी भेज दी गई है।
-आनंद कुमार सिंह, निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार
खबर साभार : अमरउजाला
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