समायोजित शिक्षामित्रों की कट रही जेब : मास्साब बने 58 हजार शिक्षामित्रों को अभी तक वेतन भुगतान नहीं-
जासं, इलाहाबाद : शिक्षा महकमा मास्साब की भी जेब काट रहा है। यह काम कोई और नहीं बल्कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद में हो रहा है। यहां पर प्रमाणपत्रों के सत्यापन में सारी गड़बड़ियां हो रही हैं।
प्रदेश सरकार के फरमान पर सूबे भर में करीब 58 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन का आदेश हुआ। इसमें सभी की पहले काउंसिलिंग कराई गई और फिर उनका चयन हुआ। इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी गई। इससे नियुक्ति का मामला अटका रहा साथ ही वेतन भुगतान भी नहीं हुआ।
पूरी प्रक्रिया जहां की तहां ठप हो गई। इस दौरान शिक्षामित्रों ने एकजुट होकर वेतन भुगतान की मांग की। अब सरकार ने वेतन देने का निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि जिन शिक्षामित्रों के अभिलेखों का सत्यापन हो गया है, उनका वेतन जारी किया जाए। ऐसे में हर जनपद से क्षेत्रीय कार्यालय में शैक्षिक प्रमाणपत्र भेजे गए हैं।
इससे प्रमाणपत्रों का अंबार लगा है। कर्मचारी कम होने से सत्यापन का कार्य धीमा चल रहा है। शिक्षामित्रों से सुविधा शुल्क लेकर पहले सत्यापन करने की बात की जा रही है। आरोप है कि शिक्षामित्रों से इस एवज में अच्छी खासी रकम ली जा रही है। ऐसे में शिक्षामित्र खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं, लेकिन आला अफसरों की चौखट पर शिकायत कर रहे हैं। इसको लेकर क्षेत्रीय कार्यालय में आए दिन हंगामा भी हो रहा है।
उधर, माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद के अधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि उन तक ऐसी शिकायतें नहीं आई हैं। यह जरूर है कि स्टाफ की कमी से कार्य उस गति से नहीं हो पा रहा है, जैसा होना चाहिए। यदि कोई शिकायत करेगा तो जांच के बाद कार्रवाई होगी।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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