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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

246 संस्कृत विद्यालयों के अनुदान को एक सप्ताह में बजट : कक्षा 1 से 10 तक की छात्रवृत्ति बंद नहीं होगा : वसीम अहमद-

246 संस्कृत विद्यालयों के अनुदान को एक सप्ताह में बजट : कक्षा 1 से 10 तक की छात्रवृत्ति बंद नहीं होगा : वसीम अहमद-

१-छात्रों को ऑन लाइन पंजीकरण का मौका देने पर विचार

२-किसी भी स्थिति में बंद नहीं होगी छात्रवृत्ति

३-लाख दो लाख चढ़ाओ, मनमाना तबादला कराओ

लखनऊ। विधान परिषद में बृहस्पतिवार को शून्यप्रहर में माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने घोषणा की कि अनुदान सूची पर लिए 246 संस्कृत विद्यालयों को एक सप्ताह में बजट जारी कर दिया जाएगा। वह निर्दल समूह के चेतनारायण सिंह, राजबहादुर सिंह चंदेल की तरफ से लाई गई कार्यस्थगन सूचना का जवाब दे रहे थे।

भाजपा के हृदयनारायण दीक्षित, डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त, डॉ. यज्ञदत्त शर्मा की कार्यस्थगन सूचना पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि कक्षा 9 व कक्षा 11 के छात्रों को ऑनलाइन पंजीकरण कराने का एक मौका और देने पर विचार कर लिया जाएगा। बशर्ते न्यायालय का निर्देश आड़े न आए। इसके अलावा बसपा की एक अन्य कार्यस्थगन सूचना पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद ने आश्वस्त किया कि किसी भी परिस्थिति में कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बंद नहीं की जाएगी।

छात्रों को ऑन लाइन पंजीकरण का मौका देने पर विचार

किसी भी स्थिति में बंद नहीं होगी छात्रवृत्ति

लाख दो लाख चढ़ाओ, मनमाना तबादला कराओ

शिक्षक दल ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा शिक्षकों का चयन व नियुक्तियां भौगोलिक व क्षेत्रीय आधार पर न करने से शिक्षा विभाग में लूटपाट मची होने का मामला उठाया। जगवीर किशोर जैन ने कार्यस्थगन सूचना के जरिये यह मामला उठाया। ओमप्रकाश शर्मा ने सूचना की ग्राह्यता पर तर्क रखे। कहा कि पूर्व में बलिया से मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, सहारनपुर जैसे पश्चिमी जिलों में शिक्षकों की नियुक्तियां करने से भ्रष्टाचार पनप रहा है। चयनित होने वाले शिक्षक जॉइन करने के साथ ही पढ़ाने के बजाय घर के नजदीक जाने की जुगाड़ में जुट जाते हैं। इसकी आड़ में लूट-खसोट होती है। किसी को एक लाख तो किसी को दो लाख चढ़ावा चढाना पड़ता है। प्रबंधक भी अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के नाम पर लाखों रूपये की मांग करते हैं। अच्छा होगा कि शिक्षकों की निुयक्तियां भौगोलिक व क्षेत्रीय परिस्थिति को ध्यान में रखकर किया जाए। जिससे चयनित शिक्षक ट्रांसफर कराने के लिए जुगाड़ फिट करने के बजाय पढ़ाने में जुटे।

किसी का बाप बीमार हो जाता है तो किसी की मां की मृत्यु

माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब तक नौकरी नहीं मिलती है। तब तक तो नौकरी के लिए चिंता रहती है। पर, नौकरी मिलते ही किसी के बाप बीमार हो जाते हैं तो किसी की मां की मृत्यु हो जाती है। नौकरी जॉइन करने के अगले ही दिन तबादले का प्रार्थना पत्र लेकर लोग टहलना शुरू कर देते हैं। यह ठीक नहीं है। जहां तक लूट-खसोट की बात है तो यह आरोप बेबुनियाद है। पर, आजकल दूसरों पर इल्जाम लगाना सबसे आसान काम है। फिर भी इस समस्या का कोई रास्ता निकालेंगे।

      खबर साभार : अमरउजाला

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