साक्षरता अभियान का बुरा हाल, ग्लोबल ड्रीम प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में सच उजागर : सूबे में छह करोड़ से अधिक निरक्षर-
लखनऊ। यूपी में साक्षरता अभियान का बुरा हाल है। प्रदेश में आज भी छह करोड़ से अधिक लोग निरक्षर हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है। ग्लोबल ड्रीम प्रोजेक्ट के प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बाबत रिपोर्ट पेश की। मुख्य सचिव ने साक्षरता अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाने का सुझाव दिया।
ग्लोबल ड्रीम प्रोजेक्ट से जुड़ी डॉ. सुनीता गांधी ने कहा, पिछले एक दशक पर गौर करें तो पाएंगे कि प्रदेश को पूर्ण साक्षर बनाने में 30-40 वर्ष लग जाएंगे। इसलिए निरक्षरता दूर करने की मौजूदा रणनीति काफी नहीं है। उन्होंने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि निरक्षरता का मुख्य कारण इसमें गति की कमी, प्रेरणा, लचीलापन, स्वत: सीखने की प्रवृत्ति और समुदाय के प्रत्येक सदस्य का जुड़ाव न होना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में दो वर्ष के अंदर पूर्ण साक्षरता लाई जा सकती है, बशर्ते केरल के एर्नाकुलम की तरह साक्षरता को एक जन आंदोलन बना दिया जाए। सिविल सोसाइटी और सरकार की बराबर साझेदारी से इस मिशन को कामयाब बनाया जा सकता है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ने कहा, राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के रास्ते पर चलेंगे तो दो वर्ष केवल मंजूरी लेने में ही लग जाएंगे। इसलिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर काम करके निरक्षरता दूर की जा सकती है।
खर्च नहीं हुआ साक्षरता का पैसा बैठक में साक्षरता निदेशक अमरनाथ वर्मा ने एक चौंकाने वाली जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विगत दो वर्षों के दौरान पैसा खर्च ही नहीं हो पाया। इस नाते आगे का पैसा नहीं मिल सका। मुख्य सचिव ने इस पर नाराजगी जताई और इसके लिए जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से प्रदेश में निरक्षरता से लड़ने की रणनीति बनाने और शीघ्र रिपोर्ट पेश करने को कहा।
मुख्य सचिव बोले- जन आंदोलन के रूप में चलाया जाए साक्षरता अभियान
आलोक रंजन बने मिशन के चेयरमैन
प्रदेश में निरक्षरता दूर करने के लिए ग्लोबल ड्रीम लिटरेसी मिशन का चेयरमैन मुख्य सचिव आलोक रंजन को बनाया गया है। सह अध्यक्ष डॉ. जेबी पटनायक होंगे। महासचिव डॉ. सुनीता शास्त्री के अलावा सलाहकार बोर्ड में ग्लोबल ड्रीम के सभी मौजूदा 66 सदस्य शामिल होंगे। ग्लोबल ड्रीम देवी संस्थान (डिगनिटी, एजूकेशन, विजन इंटरनेशनल) का एक प्रोजेक्ट है। लखनऊ फॉर लिटरेसी अभियान ग्लोबल ड्रीम के तहत लखनऊ में 100 प्रतिशत साक्षरता के लिए शुरू किया गया है।
खबर साभार : अमरउजाला
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