बच्चों की यूनिफार्म ने उड़ाया व्यापारियों का रंग : बदलेगा परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के यूनिफार्म का रंग-
कानपुर, जागरण संवाददाता: परिषदीय प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के बच्चों को मुफ्त मिलने वाली ड्रेस का रंग बदलने की बात चली तो व्यापारियों के चेहरों का रंग उड़ गया। नये सत्र के दो माह बीतने के बाद अचानक आए शिक्षामंत्री के बयान से खलबली मच गई है। यदि यह फैसला आया तो बच्चों को आधा सत्र बीतने के बाद भी नई ड्रेस नसीब नहीं होगी।
बीते साल भी ग्रांट न मिलने के कारण सत्र 2013-14 के लिये आई ड्रेस अक्टूबर और नवंबर में छात्र छात्राओं को मिल पाई थी। इस बार भी अब तक ग्रांट नहीं आई है। ड्रेस का वितरण करने का समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तय किया गया है पर बुधवार को झांसी में शिक्षामंत्री राम गोविन्द चौधरी के दिए बयान ने शिक्षा विभाग और कपड़ा व्यापारियों में खलबली मचा दी है। कानपुर कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष उमेश रस्तोगी ने बताया कि 21 अगस्त को ड्रेस वितरण का शासनादेश जारी किया गया था, तब लड़कों को खाकी रंग की शर्ट और पैंट लड़कियों के लिए खाकी शर्ट और खाकी स्कर्ट देने की बात कही थी। इसके लिए व्यापारियों ने माल भी जमा कर लिया। कई छोटे व्यापारियों ने तो माल लेकर ड्रेस भी बनवा ली है। ऐसी स्थिति में यदि आदेश बदला तो प्रदेश भर के व्यापारियों का करीब सवा से डेढ़ सौ करोड़ का नुकसान होगा।
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ड्रेस का रंग बदलने के संबंध में फिलहाल कोई आदेश नहीं मिला है। अभी खाकी रंग की ड्रेस ही बांटने की तैयारी है, शिक्षामंत्री के बयान की जानकारी नहीं है। -राजेन्द्र प्रसाद यादव, बीएसए
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