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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को पांच साल सेवा विस्तार : उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने दी प्रस्ताव को हरी झंडी-

पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को पांच साल सेवा विस्तार : उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने दी प्रस्ताव को हरी झंडी-

•अगले साल पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को मिलेगा यह लाभ

• यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में रखा जायेगा

• अभी दो साल का मिलता है सेवा विस्तार, सीएम ने दी प्रस्ताव को हरी झंडी

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा विभाग के राष्ट्रीय व राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को अब दो साल के बजाय पांच साल का सेवा विस्तार दिया जाएगा। यह लाभ अगले सत्र से पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। इसे शीघ्र ही मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। सरकार का मानना है कि इन शिक्षकों को सेवा विस्तार मिलने के बाद इनका भरपूर इस्तेमाल राजकीय और सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में किया जा सकेगा।

माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने बताया कि हर साल बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को राष्ट्रीय और राज्य अध्यापक पुरस्कार से नवाजा जाता है। अभी तक इन्हें मात्र दो साल ही सेवा विस्तार दिया जाता है। सरकार चाहती है कि इन्हें कम से कम पांच साल का सेवा विस्तार दिया जाए ताकि इनके अनुभवों का पूरा लाभ छात्रों को मिल सके। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा मनोज कुमार सिंह कहते हैं कि सीबीएसई के राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को पहले से ही पांच साल का सेवा विस्तार मिल रहा है। इसी आधार पर राज्य में भी यह व्यवस्था लागू करने का विचार है। मुख्यमंत्री को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जा चुका है और जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी की तैयारी है। उन्होंने कहा, पांच साल सेवा विस्तार का लाभ अगले साल पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को मिलेगा।

सात हजार शिक्षकों का चयन मेरिट से-

माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने कहा है कि राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए जल्द ही मेरिट के आधार पर 7000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। शिक्षक समस्याओं के समाधान के लिए कंट्रोल रूम बनेगा और यहां आने वाली शिकायतों का एक सप्ताह में निस्तारण किया जाएगा। स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यूपी बोर्ड की नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पुस्तकालयों में शीघ्र ही पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएंगी तथा शिक्षा की गुणवत्ता की जांच के लिए सप्ताह में तीन दिन अधिकारी मंडल या जिला स्तर पर भ्रमण कर स्कूलों का दौरा करेंगे। इनकी निरीक्षण टिप्पणी स्कूलों में दर्ज की जाएगी।

चयन बोर्ड के तीन सदस्यों पर होगी कार्रवाई-

माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने उप्र माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के तीन सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। इनके खिलाफ जांच चल रही है। इन तीनों पर प्रधानाचार्य भर्ती के लिए साक्षात्कार में गड़बड़ी और शासन का निर्देश न मानने का आरोप है। मंत्री ने कहा है कि इन सदस्यों पर महाभियोग भी चलाया जाएगा। जिन विद्यालयों के भवन खराब हो चुके हैं उनका शीघ्र जीर्णोद्धार कराया जाएगा। शिक्षकों, बाबुओं और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की कमी दूर करके स्कूलों में बेहतर व्यवस्था बनाई जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षकों को राजकीय इंटर कॉलेजों से जोड़ा गया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके। अध्यापकों की कमी दूर होने के बाद उन्हें पुन: उनके पदों पर भेज दिया जाएगा।

             खबर साभार : अमरउजाला

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