शिक्षक भर्ती को लेकर दर्जनभर जिलों में गहमागहमी : बाकी में सन्नाटा
• चौदह जिलों में सिर्फ दहाई में हैं रिक्तियां काउंसलिंग का पहला दिन
लखनऊ (एसएनबी)। प्रदेश में परिषदीय स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती का दर्जनभर जिलों में सबसे ज्यादा जोर है, इन जिलों में 1700 से लेकर 6000 तक पद भरे जाने हैं। इसके इतर 14 जिलों में रिक्तियां दहाई में ही सीमित हैं, इन जिलों में सबसे ज्यादा 50-50 पद झांसी व कानपुर देहात में हैं। ऐसे में इस बात के आसार ज्यादा हैं कि एक सीट पर दस अभ्यर्थियों को बुलाने के बाद भी रिक्त सीटों पर काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी न हो पाये और विज्ञान गणित की रिक्तयों की तरह कई चरण में काउंसलिंग करानी पड़े। आज मंगलवार से शुरू हुई काउंसलिंग का पहला दिन अभ्यर्थियों के इंतजार में बीता। काउंसलिंग की शुरुआत शिक्षामित्र व विशेष आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों से होनी थी, इनमें करीब डेढ़ दर्जन जिलों में काफी कम पद थे लेकिन काउंसलिंग स्थलों पर सन्नाटा रहा।
प्रदेश में सीतापुर व लखीमपुर में छह-छह हजार, गोण्डा में चार हजार, कुशीनगर व बहाराइच में 3600- 3600, हरदोई में 3000, शाहजहांपुर में 2800, आजमगढ़ में 2500, महाराजगंज में 2500, गाजीपुर में 2400, सिद्धार्थनगर में 2000, बलरामपुर में 1700, मिर्जापुर में 1650, बदायूं में 1600, जौनपुर व इलाहाबाद में 1500- 1500, सुलतानपुर व बरेली में 1400-1400 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। ये रिक्तियां वर्ष 2011 की हैं। इसके बाद से हर जिले में शिक्षक रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उनकी रिक्तयों को इसमें नहीं जोड़ा गया है। इन जिलों में सबसे ज्यादा पद खाली होने कारण टीईटी में बेहतर मेरिट वालों में अधिकांश ने इन जिलों में आवेदन किया है। इसके चलते एक-एक अभ्यर्थी 30 से ज्यादा जिलों की मेरिट में है। हालांकि उसे सिर्फ एक जिले की काउंसलिंग में शामिल होने जैसा कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन काउंसलिंग में मूल कागजात के जमा करा लेने से वह दूसरे जिले में काउंसलिंग में भाग नहीं ले सकेगा। सोमवार को द्वितीय चरण की काउंसलिंग शुरू हो गयी लेकिन 7200 शिक्षामित्रों के पदों के साथ विशेष आरक्षण वाले अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होने के कारण लखनऊ, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, मथुरा, फतेहपुर, अमेठी, कानपुर नगर, औरैया, बलिया, फिरोजाबाद, झांसी, कानपुर देहात सहित अन्य कई जिलों में डायट में शिक्षक काउंसलिंग कराने के लिए अभ्यर्थियों का इंतजार करते रहे लेकिन इक्का-दुक्का छोड़ कोई काउंसलिंग कराने नहीं आया।
खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा
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