मदरसों और स्कूलों में नहीं दी जा सकती कुर्बानी की इजाजत : हाईकोर्ट ने कहा, ऐसे मामलों पर गौर करें सरकार व अफसर
• बहराइच के मामले में अनुमति देने से अदालत का इन्कार
लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा है कि मदरसा, स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों में बकरों, भैंसों या अन्य पशुओं की कुर्बानी की इजाजत नहीं दी जा सकती। अदालत ने इस टिप्पणी के साथ बहराइच के एक मामले में ऐसी अनुमति देने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि स्कूल या मदरसा, जो बच्चों की शिक्षा के लिए हैं, वहां कुर्बानी देने की इजाजत दिया जाना मुनासिब नहीं होगा। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों पर संवैधानिक दायरे या कानूनी व्यवस्था के तहत गौर कर समुचित निर्णय लेना सरकार या फिर अफसरों का काम है। अदालत ने बहराइच के डीएम को इस विवाद व याची की अर्जी का जल्द निपटारा करने की छूट दी है।
न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी की खंडपीठ ने यह फैसला मोहम्मद नासिर हुसैन की रिट का निपटारा कर सुनाया। याची का कहना था कि बहराइच की नानपारा तहसील के गांव सत्तीजोर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने डीएम को अर्जी देकर वहां के एक मदरसा परिसर में भैंसों, बकरों आदि की कुर्बानी की इजाजत दिए जाने की गुजारिश की थी लेकिन वहां का जिला प्रशासन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दे रहा है।
अदालत ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान चाहे वे मदरसा, स्कूल, कॉलेज या फिर विश्वविद्यालय हों, में बकरों, भैंसों या किसी अन्य पशु की कुर्बानी या बलि देने जैसे कार्यक्रम संचालित करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। मौजूदा मामले में याची ने ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं दिखाया है, जिसमें उसे मदरसा या स्कूलों में कुर्बानी देने का हक हो।
बकरीद पर स्कूलों व मदरसों में कुर्बानी की इजाजत नहीं
लखनऊ (एसएनबी)। उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बकरीद के अवसर पर स्कूलों व मदरसों में बकरों व भैंसों की कुर्बानी करने की इजाजत नहीं दी। पीठ ने कहा कि ज्ञान के मंदिरों में ऐसा करने की अनुमति अदालत नहीं दे सकती। याचीगणों को पीठ ने छूट दी है कि वह जिला प्रशासन के पास अपना मामला लेकर जाए जिस पर नियमानुसार जिला प्रशासन निर्णय ले। पीठ ने कहा कि अगर स्कूलों व मदरसों में बकरी व भैंस काटने की इजाजत दे दी जाती है तो पढ़ाई के उद्देश्य से बनाये गये यह ज्ञान के घर एक दिन बूचड़खाना हो जाएंगे।
यह आदेश न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति अरविन्द कुमार त्रिपाठी द्वितीय की पीठ ने याची मो. नासिर हुसैन की ओर से दायर याचिका पर दिये हैं। याचिका प्रस्तुत कर कहा गया कि मुस्लिम में धार्मिक मान्यता के अनुसार बकरीद के त्योहार पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है। यह भी कहा गया था कि बहराइच जिले में अलजमामीतुल नोरिया दारूल बरकत मदरसे में कुर्बानी की अनुमति दी जाए। कहा गया कि मुस्लिम धर्म में कुरान में भी कुर्बानी देने का विधान है। अदालत ने कहा कि वह अपने धर्म के अनुसार कुर्बानी दे सकते हैं लेकिन इस मामले में पीठ कोई आदेश जारी नहीं कर सकती कि मदरसों व स्कूलों में कुर्बानी की जाए। अदालत ने कहा कि जिला प्रशासन इस मामले को देखे तथा अपने अनुसार नियम कायदों के तहत आदेश जारी करे।
खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा व अमर उजाला
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