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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

कहां जाएंगे 35 हजार बीटीसी प्रशिक्षित : हर वर्ष प्रशिक्षण लेने वाले 50 हजार, खाली होने वाले पद 14-15 हजार-

कहां जाएंगे 35 हजार बीटीसी प्रशिक्षित : हर वर्ष प्रशिक्षण लेने वाले 50 हजार, खाली होने वाले पद 14-15 हजार-

१-कहां जाएंगे 35 हजार बीटीसी प्रशिक्षित

२-प्रदेश में तीन वर्षों में खुले 700 निजी बीटीसी कॉलेज

३-हर वर्ष प्रशिक्षण लेने वाले 50 हजार, खाली होने वाले पद 14-15 हजार 
 
इलाहाबाद : प्रदेश में बीटीसी कॉलेजों की बाढ़ आ गई है। बीते तीन वर्ष में ही प्रदेश में निजी बीटीसी कॉलेजों की संख्या शून्य से शिखर पर पहुंच गई है। 2011 में प्रदेश सरकार की ओर से निजी बीटीसी कॉलेजों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू हुई और देखते ही देखते यह संख्या सात सौ के पार पहुंच गई। इन कॉलेजों से प्रशिक्षण कर हर वर्ष निकलने वाले 35 हजार बीटीसी प्रशिक्षितों को आखिर कहां नौकरी मिलेगी जबकि हर वर्ष परिषदीय विद्यालयों में 14 से 15 हजार शिक्षकों के पद खाली हो रहे हैं।प्रदेश में बीएड कॉलेजों की ही तर्ज पर प्रदेश सरकार ने बिना किसी मानक के औने-पौने बीते तीन वर्ष में सात सौ से अधिक बीटीसी कॉलेज खुल गए।

इन कॉलेजों में प्रवेश के लिए बीटीसी कॉलेजाें ने सरकार पर दबाव बनाकर अपनी शर्त पर फीस तय करने के साथ प्रवेश के मानक भी तय करवा लिए हैं। फीस के अतिरिक्त प्रवेश लेने वालों से डोनेशन के नाम पर मोटी फीस वसूली जा रही है।
 
प्रदेश के वरिष्ठ शिक्षाधिकारी का कहना है कि एक-दो वर्ष तो ठीक आने वाले समय में बीटीसी करने वालों का भी हाल बीएड प्रशिक्षणार्थियों जैसा ही होने वाला है। उनका कहना है कि 2011, 2012 एवं 2013 में प्रवेश ले चुके अभ्यर्थियों को तो हो सकता है कि अभी खाली पदों पर नौकरी मिल जाए परंतु आने वाले दिनों में जो अभ्यर्थी बीटीसी में प्रवेश लेंगे उनके लिए वर्षों नौकरी की संभावना नहीं बनेगी। 
 
प्रदेश में 700 से अधिक निजी बीटीसी कॉलेजों में प्रति 50 सीट के हिसाब से 35 हजार से अधिक बीटीसी प्रशिक्षित निकलेंगे। साथ ही सरकारी बीटीसी कॉलेजों से प्रति 200 सीट के हिसाब से 14 हजार प्रशिक्षित हर वर्ष ट्रेनिंग पूरी करके नौकरी को मैदान में आएंगे। उन्हें नौकरी कैसे मिलेगी। इस प्रकार प्रदेश में हर साल 35 हजार से अधिक बीटीसी प्रशिक्षित बेरोजगार हो जाएंगे।
 
बिना मान्यता वाले संस्थानों से प्रशिक्षितों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
प्रदेश सरकार की ओर से गली-मोहल्ले में खुल रहे एनटीटी प्रशिक्षण केन्द्र भी बेरोजगारों को ठगने का काम कर रहे हैं। सिर्फ दाऊ दयाल इंस्टीट्यूट फिरोजाबाद एवं मूलचंद्र इंस्टीट्यूट जौनपुर से संबद्ध निजी एनटीटी प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षितों को ही सरकारी नौकरी मिलेगी। इसके अतिरिक्त कोई भी प्रशिक्षण केन्द्र मान्यता प्राप्त नहीं हैं|

        खबर साभार : अमरउजाला

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