32 जिलों के लापरवाह शिक्षा अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
लखनऊ। इंस्पायर अवाॅर्ड के तहत राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में 32 जिलों के स्कूलों के छात्र अपने मॉडल प्रस्तुत करने से वंचित रह गए। इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग न कर पाने के कारण स्टूडेंट्स के हाथ से एक अच्छा मौका फिसल गया। अगर वह राज्य स्तर पर लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी में अच्छा प्रदर्शन करते तो आगे राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मौका मिलता। मगर उनके जिले के शिक्षा अधिकारियों द्वारा समय रहते विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों की सूची भारत सरकार को उपलब्ध नहीं करवाई गई।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने इस प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद जांच के आदेश दिए हैं और दोषी अधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने को कहा है। वह मंगलवार को राजधानी में रमाबाई अंबेडकर रैली स्थल पर इंस्पायर अवाॅर्ड के तहत आयोजित राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के प्रति स्टूडेंट्स का रुझान बढ़ाने के लिए जहां एक ओर हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी अड़ंगा लगा रहे हैं।
कार्यक्रम में मौजूद माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल ने भी कहा कि 32 जिलों के शिक्षा अधिकारियों ने घोर लापरवाही की है। इनके खिलाफ जांच करवाई जाएगी और दोषी पर कार्रवाई होगी। दरअसल इंस्पायर अवाॅर्ड के तहत कक्षा छह से दस तक के स्टूडेंट्स को विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए इंस्पायर अवाॅर्ड योजना के तहत पांच-पांच हजार रुपये की राशि भी प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है। कक्षा छह से आठ तक के स्टूडेंट जो विज्ञान में रुचि रखते हैं उनकी सूची बनाने की जिम्मेदारी बीएसए की होती है। वहीं कक्षा 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स की सूची संबंधित डीआईओएस को देनी होती है। ऐसे में अब इनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। इन अधिकारियों से माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने भी स्पष्टीकरण मांगा है। इन्हें हफ्ते भर में जवाब देने को कहा गया है। हालांकि इन 32 में से आठ जिलों के छात्र बाद में भेजे गए, लेकिन न तो वे ढंग से मॉडल प्रदर्शित कर पाए न ही अपना प्रतिनिधित्व दिखा पाए।
खबर साभार : अमरउजाला
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