ऑनलाइन जीओ में देरी पर सीएम सख्त : 30 तक सभी बचे शासनादेश जारी करने का फरमान-
लखनऊ : शासनादेश ऑनलाइन जारी करने के आदेशों को कई विभागों ने नजरअंदाज कर दिया तो खुद मुख्यमंत्री को इसके लिए आगे आना पड़ा। उन्होंने सख्त निर्देश दिया है कि सभी शासनादेश अब ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे। एक मार्च 2014 के बाद जो शासनादेश अब तक ऑनलाइन जारी नहीं किए गए हैं, उन्हें हर हाल में 30 सितंबर तक वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
शासन ने एक मार्च से यह व्यवस्था कर दी थी कि शासनादेश तभी वैध माने जाएंगे जब वे ऑनलाइन जारी किए गए हों। इस संबंध में मुख्य सचिव स्तर से भी कई आदेश जारी किए गए लेकिन अधिकतर विभागों ने इस व्यवस्था को नहीं माना। अब मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि शासनादेश तभी वैध माने जाएंगे जब वे ऑनलाइन जारी हों। एक मार्च से अब तक ऑनलाइन जारी नहीं किए गए सभी शासनादेशों को स्कैन कर वेबसाइट http://esangrah.up.nic.in पर अपलोड किया जाएगा। इसे ऑनलाइन शासनादेश की वेबसाइट http://shasanadesh.up.nic.in से लिंक कर दिया गया है।
-:इसलिए आनाकानी:-
जानकार बताते हैं कि ऑनलाइन जीओ जारी न करने से विभागों को मनमानी की छूट रहती है। पहले तो शासन में उच्च स्तर से लिए गए निर्णय तक को कैबिनेट से अनुमति के लिए भेजने में खूब हीलाहवाली होती है। उसके बाद जब शासनादेश जारी होने का मौका आता है तो उसे वेबसाइट पर नहीं डालते। इससे प्रभावित लोग जीओ के लिए शासन से निदेशालय तक का चक्कर लगाना शुरू कर देते हैं। कई विभागों के कर्मी इसका खूब फायदा उठाते हैं और जीओ की हैसियत से प्रभावित लोगों से मिठाई से लेकर नकदी तक उगाहते हैं।
खबर साभार : अमरउजाला
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