•आचार संहिता खत्म होने के इंतजार में है शिक्षा महकमा
•सुस्त पड़ी योजनाओं में आयेगी तेजी
•घोषित होगी टीईटी 2013 की मेरिट
•निदेशक पद पर नियमित चयन व डीपीसी की राह होगी आसान
•शिक्षा मित्रों के समायोजन का शासनादेश शीघ्र
लखनऊ। प्रदेश में शिक्षा विभाग को अपनी योजनाओं पर अमल करने के लिए चुनाव आचार संहिता के खत्म होने का बेसब्री से इंतजार है। तकरीबन ढाई माह से चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से महकमे की रफ्तार सुस्त हो गयी थी। परन्तु इसके बाद टीईटी 2013 की मेरिट जारी करने, शिक्षा मित्रों को शिक्षक सहायक पदों पर भर्ती, परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती जैसी कई योजनाओं को गति देने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही प्रदेश में अपर निदेशक से निदेशक पद के लिए होने वाली विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) भी नहीं हो पा रही थी। इतना ही नहीं बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक पद पर चयन का मामला भी लम्बित चल रहा है। चुनाव आचार संहिता के चलते ही बेसिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक पद पर वासुदेव यादव को सेवा विस्तार नहीं मिल सका और उन्हें आयोग की मंजूरी के पेंच से रिटायर कर दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव आचार संहिता खत्म होने के कुछ दिनों के भीतर ही टीईटी की मेरिट घोषित कर दी जाएगी। इसके बाद शिक्षक भर्ती को रफ्तार मिल सकेगी। इस टीईटी के बाद प्रदेश में एक बार फिर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया का आगाज होगा ताकि प्रदेश में नये शैक्षिक सत्र से शिक्षक नियुक्त किये जा सके। उल्लेखनीय है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान शिक्षा विभाग ने दो मामलों में चुनाव आयोग से मंजूरी मांगी थी। इनमें शिक्षा निदेशक पद पर वासुदेव यादव को सेवा विस्तार व शिक्षामित्रों के अध्यापक पदों पर भर्ती का शासनादेश जारी करना लेकिन दोनों ही मामलों में विभाग को आयोग से ग्रीन सिग्नल नहीं मिल पाया था। अब चुनाव खत्म होने के बाद आचार संहिता समाप्त हो जाएगी। इसके बाद विभाग को अपना काम करने में तेजी लाने की छूट मिल जाएगी।

साभार :राष्ट्रीय सहारा
•सुस्त पड़ी योजनाओं में आयेगी तेजी
•घोषित होगी टीईटी 2013 की मेरिट
•निदेशक पद पर नियमित चयन व डीपीसी की राह होगी आसान
•शिक्षा मित्रों के समायोजन का शासनादेश शीघ्र
लखनऊ। प्रदेश में शिक्षा विभाग को अपनी योजनाओं पर अमल करने के लिए चुनाव आचार संहिता के खत्म होने का बेसब्री से इंतजार है। तकरीबन ढाई माह से चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से महकमे की रफ्तार सुस्त हो गयी थी। परन्तु इसके बाद टीईटी 2013 की मेरिट जारी करने, शिक्षा मित्रों को शिक्षक सहायक पदों पर भर्ती, परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती जैसी कई योजनाओं को गति देने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही प्रदेश में अपर निदेशक से निदेशक पद के लिए होने वाली विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) भी नहीं हो पा रही थी। इतना ही नहीं बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक पद पर चयन का मामला भी लम्बित चल रहा है। चुनाव आचार संहिता के चलते ही बेसिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक पद पर वासुदेव यादव को सेवा विस्तार नहीं मिल सका और उन्हें आयोग की मंजूरी के पेंच से रिटायर कर दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव आचार संहिता खत्म होने के कुछ दिनों के भीतर ही टीईटी की मेरिट घोषित कर दी जाएगी। इसके बाद शिक्षक भर्ती को रफ्तार मिल सकेगी। इस टीईटी के बाद प्रदेश में एक बार फिर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया का आगाज होगा ताकि प्रदेश में नये शैक्षिक सत्र से शिक्षक नियुक्त किये जा सके। उल्लेखनीय है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान शिक्षा विभाग ने दो मामलों में चुनाव आयोग से मंजूरी मांगी थी। इनमें शिक्षा निदेशक पद पर वासुदेव यादव को सेवा विस्तार व शिक्षामित्रों के अध्यापक पदों पर भर्ती का शासनादेश जारी करना लेकिन दोनों ही मामलों में विभाग को आयोग से ग्रीन सिग्नल नहीं मिल पाया था। अब चुनाव खत्म होने के बाद आचार संहिता समाप्त हो जाएगी। इसके बाद विभाग को अपना काम करने में तेजी लाने की छूट मिल जाएगी।

साभार :राष्ट्रीय सहारा
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