सचिव करेंगे फिर समीक्षा : 72,825 शिक्षक भर्ती मामले की फिर होगी -
१-विडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक
२-"स्कूल चलो अभियान" की तैयारियों की भी समीक्षा
३-सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 72'825 की भर्ती की प्रक्रिया जानकारी -
४-72'825 शिकक्षों की भर्ती केलिए साफ्टवेयर तैयार
५-सरकार ने 72 ,825 की नियुक्ति में होगा विलम्ब है
बेसिक शिक्षा सचिव नीतीश्वर कुमार मंगलवार को बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक करेंगे।
वे जुलाई में शिक्षण सत्र शुरू होने के साथ परिषदीय स्कूल के बच्चों को मुफ्त दी जाने वाली किताबों और 'स्कूल चलो अभियान' की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
साथ ही सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल निर्माण की प्रगति का भी जायजा लेंगे। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती की प्रगति की जानकारी भी लेंगे।
गौरतलब है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को नेशनल इंफॉरमेटिक सेंटर (एनआईसी) से तैयार सॉफ्टवेयर को भेजा जा चुका है।
सॉफ्टवेयर भी तैयार -
प्रदेश में 72,825 शिक्षकों की भर्ती में फंसा पेंच खुल गया है। जिससे भर्ती प्रक्रिया अब आगे बढ़ सकेगी।
नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) ने सूबे में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) शीघ्र ही एनआईसी से यह सॉफ्टवेयर लेकर जिलों को भेज देगा।
सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर की सहायता से शिक्षक भर्ती के लिए आए हुए आवेदनों का विवरण सूचीबद्ध करते हुए कन्वर्ट किया जाएगा जिससे मेरिट बनाने में आसानी होगी।
सरकार ने कहा वक्त लगेगा -
हालांकि, राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए सुप्रीम कोर्ट से तीन माह की मोहलत मांगी है। सरकार का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में समय लग जाएगा, इसलिए उसे मोहलत दी जाए।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को टीईटी मेरिट पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती का आदेश दिया था। इसके आधार पर डायट प्राचार्यों को निर्देश दिया गया था कि वे नवंबर 2011 के विज्ञापन के आधार पर आए हुए आवेदनों का पूरा ब्यौरा एससीईआरटी को दे दें।
उनसे यह भी पूछा गया था कि कितने आवेदनों को कंप्यूटर पर फीड किया गया है। कंप्यूटर पर फीड ब्यौरे को एनआईसी से मिलने वाले साफ्टवेयर से कनवर्ट किया जाएगा।
जिससे मेरिट बनाने में आसानी हो और इसे ऑनलाइन डाला जा सके, ताकि आवेदक अपने आवेदन से इसका मिलान कर सके।
ये भी थी एक मुश्किल-
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू की गई 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नवंबर 2011 के विज्ञापन के आधार पर आए आवेदनों की कंप्यूटर फीडिंग पर रोक लगा दी गई थी।
इसके अलावा यह भी कहा गया था कि सचिव बेसिक शिक्षा की अनुमति के बिना वापस लेने वालों के ड्राफ्ट फिर से जमा नहीं किए जाएंगे।
यह भी हिदायत दी गई थी कि पुराने विज्ञापन के आधार पर नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे।
सचिव ने मांगी थी जानकारी -
मामले पर सचिव बेसिक शिक्षा ने यह भी निर्देश दिया था कि नवंबर 2011 के विज्ञापन के आधार पर आए आवेदनों को जिस रजिस्टर पर दर्ज किया गया है।
उसके आखिरी पन्ने पर डायट प्राचार्य और बेसिक शिक्षा अधिकारी संयुक्त रूप से हस्ताक्षर करते हुए तत्काल प्रभाव से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भेज दें।
उन्होंने यह भी कहा था कि प्रमाण पत्र भी देना होगा जिससे पता चले कि उनके जिले में कुल कितने आवेदन आए और इनमें से कितने कंप्यूटर में फीड हो चुके हैं व कितनों की स्कैनिंग हो चुकी है।
आए हुए आवेदनों को कहां सुरक्षित रखा गया है तथा उनकी क्या स्थिति है, इसके बारे में भी जानकारी ली गई थी।
साभार : अमर उजाला
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